ब्यूरो रिपोर्टः आंदोलन में शामिल बुजुर्ग की गिरफ्तारी करने पर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भड़क उठे हैं। यह घटना हाल ही में हुई जब एक बुजुर्ग किसान को आंदोलन में भाग लेने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद राकेश टिकैत ने तीखा विरोध जताया और इसे “लोकतंत्र पर हमला” करार दिया।
Rakesh Tikait का बयान आया सामने
उन्होंने कहा कि किसानों और आंदोलनकारियों को इस तरह दबाया नहीं जा सकता है और बुजुर्गों की गिरफ्तारी ने आंदोलन के प्रति लोगों की आस्था को और मजबूत किया है। टिकैत (Rakesh Tikait) ने यह भी कहा कि सरकार को किसानों के मुद्दों को समझना चाहिए और उन्हें सशक्त तरीके से हल करना चाहिए, बजाय इसके कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
उनका कहना था कि यह कार्रवाई आंदोलन को दबाने के लिए की जा रही है, लेकिन किसान अपना संघर्ष जारी रखेंगे। इस घटनाक्रम ने आंदोलन को लेकर सरकार और किसान नेताओं के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, और यह भी स्पष्ट किया है कि किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष में बुजुर्ग भी सक्रिय रूप से शामिल हैं। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का यह बयान किसानों के संघर्ष को एक नई ताकत दे सकता है।
टिकैत (Rakesh Tikait) ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर किसानों को डराने और उनका मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से दृढ़ संकल्पित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बुजुर्ग किसानों की गिरफ्तारी ने आंदोलन को और भी मजबूती दी है और अब सरकार को इससे कोई लाभ नहीं मिलेगा।
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टिकैत ने सरकार से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द किसानों की समस्याओं का समाधान निकाले, ताकि आंदोलन और ज्यादा बढ़ न जाए।