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Loksabha में पेश होगा नया विधेयक, ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर अर्जुन राम मेघवाल पेश करेंगे प्रस्ताव…

ब्यूरो रिपोर्टः भारत में ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार को लागू करने के लिए 17 दिसंबर को लोकसभा (Loksabha) में एक विधेयक पेश किया जा सकता है। यह विधेयक, जो लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा, संसद में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इस विधेयक के प्रस्ताव को लेकर सरकार ने पहले ही अपनी योजना साझा की थी, और अब इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजे जाने की संभावना है।

Loksabha में पेश होगा नया विधेयक

Loksabha में पेश होगा नया विधेयक, 'एक देश एक चुनाव' को लेकर अर्जुन राम मेघवाल पेश करेंगे प्रस्ताव...

भारत देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए लाए जा रहे संविधान संशोधन विधेयक को 17 दिसंबर को लोकसभा (Loksabha) में पेश किया जा सकता है। हाालकिं रिपोर्ट के अनुसार इस विधेयक को चर्चा के लिए संसद की संयुक्त समिति को भेजा जा सकता है। दरअसल आपको बता दे कि सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024, जिसे एक देश एक चुनाव विधेयक कहा जा रहा है, और उसे केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा (Loksabha) में पेश करेंगे।

Loksabha में पेश होगा नया विधेयक, 'एक देश एक चुनाव' को लेकर अर्जुन राम मेघवाल पेश करेंगे प्रस्ताव...

‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार भारतीय राजनीति में लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। इसका उद्देश्य लोकसभा और राज्यों की विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना है, जिससे चुनावी खर्चों में कमी आए, समय की बचत हो और प्रशासनिक संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके। विधेयक में लोकसभा (Loksabha) और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के कानूनी और संवैधानिक पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। यह विधेयक विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेगा, जैसे चुनावी प्रक्रिया के संचालन, मतदान और मतगणना की व्यवस्था, और चुनावी तारीखों के तालमेल को लेकर संवैधानिक बदलाव।

Loksabha में पेश होगा नया विधेयक, 'एक देश एक चुनाव' को लेकर अर्जुन राम मेघवाल पेश करेंगे प्रस्ताव...

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‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक का प्रस्ताव भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो चुनावी सुधारों की दिशा में बड़ा बदलाव हो सकता है। हालांकि, इस विधेयक को लेकर विभिन्न दलों की अलग-अलग राय है, और इसकी सफलता या असफलता इस पर निर्भर करेगी कि इसे किस तरह से लागू किया जाता है और इसमें किस प्रकार के संवैधानिक सुधार किए जाते हैं। JPC द्वारा की जाने वाली जांच और सिफारिशें इस विधेयक को लेकर आगे के निर्णयों को प्रभावित कर सकती हैं।

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