Shamli mein Shivkuti Mandir ke vivad ke beech Vivek Premi aur Sanjeev Baliyan ka pradarshan
क्या है Shamli शिवकुटी मंदिर विवाद का असली सच? जानिए विवेक प्रेमी की जेल यात्रा के बारे में!”
उत्तर प्रदेश के जनपद Shamli में शिवकुटी मंदिर की जमीन पर बनी दुकानों को लेकर व्यापारियों और नाथ संप्रदाय के साधु संतों के बीच विवाद छिड़ा हुआ है। यह विवाद 11 मार्च को एक घटना के बाद गंभीर हो गया, जिसमें भाजपा के जिला मंत्री विवेक प्रेमी पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद Shamli पुलिस ने विवेक प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विवेक के जेल जाने के बाद उनके परिजन और व्यापारी Shamli के शिव चौक पर धरने पर बैठ गए। इस मुद्दे को लेकर अब भाजपा नेता संजीव बालियान भी सामने आए हैं।
Shamli के शिवकुटी मंदिर विवाद की शुरुआत और विवेक प्रेमी पर आरोप
शिवकुटी मंदिर के पास कई दुकानों का किराया पहले मंदिर कमेटी को जाता था, लेकिन अब इन दुकानों का बैनामा दुकानदारों के नाम किया गया है। नाथ संप्रदाय के साधु संतों ने इन बैनामों को फर्जी बताते हुए किराए पर देने की बात की थी। इसके बाद विवाद बढ़ा और व्यापारियों ने भाजपा के जिला मंत्री विवेक प्रेमी से मदद ली। इस विवाद में विवेक प्रेमी का नाम सामने आया, और साधु संतों ने पुलिस को तहरीर दी। इस तहरीर के आधार पर विवेक प्रेमी पर हत्या की कोशिश (307) और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
संजीव बालियान का बयान: पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप
विवेक प्रेमी की गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेता संजीव बालियान व्यापारियों के समर्थन में सामने आए। उन्होंने कहा कि विवेक प्रेमी पर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है और उन्हें जेल भेजा गया है। संजीव बालियान ने Shamli जिला प्रशासन और पुलिस पर आरोप लगाया कि वे एकतरफा कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शिवकुटी मंदिर और दुकानों का अधिकार व्यापारियों का है, और किसी भी साधु संत को इन पर कब्जा करने का अधिकार नहीं दिया जाएगा।

व्यापारियों और साधु संतों के बीच विवाद: मंदिर और दुकानों का मालिकाना हक
यह विवाद केवल दुकानों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें Shamli शिवकुटी मंदिर के मालिकाना हक पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। नाथ संप्रदाय के साधु संतों का दावा है कि मंदिर और आसपास की जमीन का अधिकार उनके पास है, जबकि व्यापारी इसे अपनी संपत्ति मानते हैं। इस विवाद में भाजपा के जिला मंत्री विवेक प्रेमी भी शामिल हो गए, जिन्होंने व्यापारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाई।
विवेक प्रेमी का इतिहास और राजनीति में भूमिका
विवेक प्रेमी का नाम पहले भी सुर्खियों में रहा है। 2015 में गाय की रक्षा के मामले में उन्हें जेल भेजा गया था। अब व्यापारी वर्ग के हित में वह फिर से जेल गए हैं। उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे को लेकर राजनीति और समाज में चर्चा हो रही है। विवेक प्रेमी के साथ भाजपा नेता संजीव बालियान का समर्थन यह दर्शाता है कि यह विवाद अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है।
शिवकुटी मंदिर विवाद: पुलिस और प्रशासन के खिलाफ व्यापारी एकजुट
इस विवाद में व्यापारियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे साधु संतों के खिलाफ किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को सहन नहीं करेंगे। उनका कहना है कि अगर Shamli पुलिस और प्रशासन ने अपना रवैया नहीं बदला, तो वे और अधिक संघर्ष करेंगे। संजीव बालियान ने भी चेतावनी दी है कि क्षेत्रीय लोग भी व्यापारी वर्ग के साथ खड़े होंगे और प्रशासन को इसका सामना करना पड़ेगा।
शिवकुटी मंदिर विवाद में भाजपा के जिला मंत्री विवेक प्रेमी की गिरफ्तारी और संजीव बालियान का समर्थन, इस मामले को और भी गंभीर बना रहा है। जहां एक ओर साधु संत शिवकुटी मंदिर की जमीन पर कब्जे का दावा कर रहे हैं, वहीं व्यापारी वर्ग अपनी दुकानें बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। विवेक प्रेमी की गिरफ्तारी के बाद, संजीव बालियान ने Shamli पुलिस और प्रशासन पर पक्षपाती कार्रवाई के आरोप लगाए हैं और व्यापारियों के पक्ष में खड़े हो गए हैं।
इस विवाद ने न केवल व्यापारियों को एकजुट किया है, बल्कि यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बन गया है। आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि प्रशासन और पुलिस का रुख क्या होता है और क्या व्यापारियों को उनके अधिकार मिलते हैं या फिर साधु संतों के पक्ष में प्रशासन खड़ा रहेगा। यह विवाद इस बात को उजागर करता है कि धार्मिक स्थल और व्यावसायिक अधिकारों के बीच संतुलन बनाना कितना जरूरी है, ताकि किसी भी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन न हो।