किसान नेता Rakesh Tikait पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी: भाकियू ने नगर कोतवाली घेरा
ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश के बुलदंशहर के खुर्जा में भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को नगर कोतवाली का घेराव किया। कार्यकर्ताओं ने किसान नेता Rakesh Tikait के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई अभद्र टिप्पणियों को लेकर विरोध जताया है। भाकियू कार्यकर्ताओं का आरोप है कि खुर्जा निवासी शिवदत्त शर्मा और आगरा निवासी अमित चौधरी ने सोशल मीडिया पर राकेश टिकैत के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं।
किसानों का खुर्जा में नगर कोतवाली का घेराव
बता दे कि इन टिप्पणियों से किसानों की भावनाएं आहत हुई हैं। जिलाध्यक्ष चौधरी अरब सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने दोनों आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। भाकियू नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे। वही पुलिस प्रशासन ने कहा है कि Rakesh Tikait मामले की जांच की जा रही है। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
भाकियू नेताओं का कहना है कि किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ करने वालों को सजा नहीं मिली, तो आंदोलन व्यापक रूप ले सकता है।
सोशल मीडिया पर बढ़ती अभद्र टिप्पणियां और उसके प्रभाव
सोशल मीडिया का इस समय बहुत बड़ा प्रभाव है और यही वह प्लेटफार्म है, जहां पर किसी भी व्यक्ति या नेता के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां बहुत जल्दी फैल सकती हैं। ऐसे मामलों में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर निगरानी रखना और लोगों को उनके कृत्य के लिए जिम्मेदार ठहराना बहुत आवश्यक हो गया है।

Rakesh Tikait की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर Rakesh Tikait की प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन उनके समर्थक उनके प्रति समर्थन जाहिर करने के लिए सड़क पर उतर आए हैं। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि Rakesh Tikait के खिलाफ किए गए अपमानजनक टिप्पणी करने वालों को सख्त सजा मिले।
क्षेत्र में बढ़ी सुरक्षा और प्रशासन की तैयारी
विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है और पूरी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। पुलिस ने फिलहाल आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा खुर्जा में नगर कोतवाली का घेराव एक महत्वपूर्ण घटना है।
जो सोशल मीडिया पर किसान नेता Rakesh Tikait के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणियों को लेकर हुआ। इस विरोध प्रदर्शन ने यह दर्शाया कि किसान समुदाय अपने नेताओं के सम्मान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। भाकियू कार्यकर्ताओं का यह प्रदर्शन समाज में सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ जागरूकता फैलाने का एक प्रयास था।
दरअसल अब यह पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे इस मामले में उचित और सख्त कार्रवाई करें, ताकि ऐसे कृत्यों को रोका जा सके और किसी भी व्यक्ति या नेता की मानहानि न हो। बता दे कि इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन और कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि समाज में सम्मान और मर्यादा का महत्व है, और इसे कायम रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
भाकियू कार्यकर्ताओं की यह मांग बिल्कुल जायज़ है कि अभद्र टिप्पणियाँ करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो। इससे न केवल दोषियों को सबक मिलेगा, बल्कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर फैल रहे अपमानजनक कंटेंट पर भी अंकुश लगेगा। इस घटना से यह भी समझा जा सकता है कि आज के डिजिटल युग में जिम्मेदार सोशल मीडिया उपयोग कितना जरूरी हो गया है।