Muzaffarnagar India Aur Pakistan Ke Match Ka Virodh Karte Shiv Sainik
मुजफ्फरनगर मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) टी20 एशिया कप में आज भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले को लेकर देशभर में उत्साह के साथ-साथ विरोध भी देखने को मिल रहा है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर इस मैच का जमकर विरोध किया। प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान का झंडा फूंका गया और भारत सरकार से मांग की गई कि जब तक पाकिस्तान दुश्मनी और आतंकवाद का रास्ता नहीं छोड़ता, तब तक भारत को उसके साथ किसी भी प्रकार का खेल संबंध नहीं रखना चाहिए।

शिवसेना का आक्रोश: आतंकवाद तक कोई खेल नहीं
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में प्रदर्शन कर रहे शिवसेना कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि पाकिस्तान भारत का दुश्मन है और वह लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है। सीमा पार से आतंकियों को भेजकर भारतीय सैनिकों और निर्दोष नागरिकों की हत्या कराई जाती है। ऐसे में भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच या किसी भी तरह का खेल संबंध बनाना शहीदों और पीड़ित परिवारों का अपमान है।
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सरकार जब तक आतंकवाद का समर्थन करती रहेगी, तब तक भारत को उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अलग-थलग करना चाहिए। उनका मानना है कि खेल भावना का बहाना बनाकर पाकिस्तान को सहयोग देना उचित नहीं है।
नेताओं का बयान: केंद्र सरकार की नीति पर उठाए सवाल
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे शिवसेना के प्रदेश महासचिव मनोज सैनी ने कहा कि शिवसेना का रुख हमेशा से साफ रहा है कि पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि शिवसेना प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर रंजन सिंह के आह्वान पर पूरे प्रदेश में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर में प्रदेश सचिव नरेंद्र शर्मा के नेतृत्व में पाकिस्तान का झंडा फूंका गया।
मनोज सैनी ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तब वह पाकिस्तान के खिलाफ मुखर रहती थी और क्रिकेट मैचों का विरोध करती थी। लेकिन अब सत्ता में आने के बाद वही सरकार पाकिस्तान से खेल संबंधों की अनुमति दे रही है। उन्होंने कहा कि यह दोहरा रवैया जनता को स्वीकार नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, “अगर भाजपा केंद्र में सरकार में न होती तो यही नेता पाकिस्तान की टीम को रोकने के लिए आगे रहते। लेकिन अब जब सत्ता में हैं तो मजबूरी का हवाला देते हैं। यह असलियत देश की जनता देख रही है।”
अतीत से लेकर आज तक विरोध का सिलसिला
शिवसेना ने यह भी याद दिलाया कि उनका विरोध नया नहीं है। पहले भी जब पाकिस्तान की क्रिकेट टीम भारत आई थी, तब मुजफ्फरनगर में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने क्रिकेट पिच तक खोद डाली थी। उनका कहना है कि शिवसेना हमेशा से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रही है और भविष्य में भी विरोध जारी रहेगा।
शिवसेना नेताओं का कहना है कि भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर उत्साह दिखाना देश के उन परिवारों के जख्मों को कुरेदने जैसा है जिन्होंने अपने अपनों को आतंकवाद में खोया है। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि जब तक पाकिस्तान दुश्मनी खत्म नहीं करता, तब तक भारत को क्रिकेट ही नहीं बल्कि किसी भी स्तर पर पाकिस्तान से संबंध नहीं रखना चाहिए।
जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस विरोध प्रदर्शन को लेकर स्थानीय लोगों में भी अलग-अलग राय देखने को मिली। कुछ लोगों ने कहा कि खेल को राजनीति और आतंकवाद से अलग रखना चाहिए, जबकि बड़ी संख्या में लोग शिवसेना की मांग का समर्थन करते नजर आए। उनका कहना था कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहेगा, तब तक उससे किसी भी प्रकार का खेल संबंध स्थापित करना गलत है।
भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच हमेशा भावनाओं से जुड़े रहे हैं। एक ओर जहां क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह मैच रोमांचक होता है, वहीं दूसरी ओर शहीदों और आतंकवाद पीड़ित परिवारों के लिए यह एक दर्दनाक सवाल खड़ा करता है। मुजफ्फरनगर में शिवसेना कार्यकर्ताओं का विरोध इसी गुस्से और पीड़ा की झलक दिखाता है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इस मांग पर किस तरह का रुख अपनाती है।