Muzaffarnagar में जुमे की नमाज के दौरान प्रशासन सतर्क, फ्लैग मार्च और कड़ी सुरक्षा के बीच शांति से संपन्न हुई अदा
Muzaffarnagar Me Police Ne Shantipurvak Ada Karayi Jumme Ki Namaz Kiya Flag March
मुजफ्फरनगर (संवाददाता गौरव चौटाला) : देशभर में ‘आई लव पैगंबर’ पोस्टरों को लेकर छिड़े विवाद का असर पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिलों में भी देखा जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह सतर्क रही। आशंका जताई जा रही थी कि नमाज के बाद कुछ लोग जुलूस के रूप में निकल सकते हैं, जिससे माहौल बिगड़ने की संभावना थी। इस वजह से प्रशासन ने पहले ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर लिए थे।
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले के संवेदनशील इलाकों को सुरक्षा घेरे में लिया गया और भारी पुलिस बल तैनात किया गया। आलाधिकारी खुद मौके पर पहुंचे और फ्लैग मार्च निकालकर लोगों को यह संदेश दिया कि कानून-व्यवस्था से किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

फ्लैग मार्च से दिखाया गया सख्ती का संदेश
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में शुक्रवार की सुबह से ही पुलिस ने कैंट, सिविल लाइंस, कोतवाली, खतौली और मीरापुर सहित सभी प्रमुख स्थानों पर पैदल गश्त शुरू कर दी थी। नमाज से पहले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने फ्लैग मार्च किया। इसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, पीएसी और अन्य सुरक्षा बल शामिल रहे।
फ्लैग मार्च का उद्देश्य था लोगों में विश्वास पैदा करना कि प्रशासन उनके साथ है और किसी भी प्रकार की अफवाह या गलत सूचना पर ध्यान न दें। साथ ही यह भी संदेश देना था कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिले में बनी रही शांति, प्रशासन ने ली राहत की सांस
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और पहले से किए गए संवाद का असर साफ दिखाई दिया। जुमे की नमाज जिले के सभी इलाकों में पूरी तरह शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
नमाज के दौरान अधिकारी लगातार मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़े रहे और हर पल की जानकारी लेते रहे। कई जगह ड्रोन कैमरे से भीड़ की गतिविधियों पर नजर रखी गई।
एडीएम ई संजय सिंह का बयान
जुमे की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न होने के बाद एडीएम ई संजय सिंह मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) ने मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रशासन को कुछ इनपुट मिले थे कि नमाज के बाद लोग जुलूस के रूप में निकल सकते हैं। लेकिन पहले ही समुदाय के जिम्मेदार लोगों से बातचीत कर स्थिति को संभाल लिया गया।
उन्होंने कहा, “आज जुमे की नमाज जिले में पूरी तरह शांति के साथ संपन्न हुई है। फ्लैग मार्च भी इसी उद्देश्य से निकाला गया कि लोगों में विश्वास बने और माहौल शांत रहे। हमने पहले ही स्थिति पर नियंत्रण के लिए सभी तैयारियां कर ली थीं और सतर्कता बरती जा रही है।”
धर्मगुरुओं और समुदाय से संवाद का असर
प्रशासन ने नमाज से पहले ही धर्मगुरुओं और समुदाय के प्रभावशाली लोगों से संवाद किया था। उन्हें भरोसे में लेकर अपील की गई कि लोग शांतिपूर्वक नमाज अदा करें और किसी भी तरह की अफवाह या उकसावे वाली गतिविधियों में शामिल न हों।
इस अपील का असर भी दिखाई दिया और नमाज के दौरान पूरी तरह शांति बनी रही। स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन के इस कदम की सराहना की और कहा कि शांति और सौहार्द बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी है।
देशभर से मिल रहे संदेश और मुजफ्फरनगर की तस्वीर
जहां देश के कई शहरों में ‘आई लव पैगंबर’ पोस्टरों को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है, वहीं मुजफ्फरनगर की तस्वीर पूरी तरह अलग रही। यहां प्रशासन की सख्ती और जनता के सहयोग से स्थिति सामान्य रही।
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में भी इसी तरह गश्त और फ्लैग मार्च जारी रहेगा। किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
में जुमे की नमाज को लेकर प्रशासन की सतर्कता पूरी तरह कारगर रही। फ्लैग मार्च, पैदल गश्त, भारी पुलिस बल की तैनाती और समुदाय के साथ संवाद—इन सभी प्रयासों ने मिलकर जिले में शांति बनाए रखी।
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) की यह घटना इस बात का सबूत है कि प्रशासनिक तैयारी और सामाजिक सहयोग से किसी भी संवेदनशील परिस्थिति को सहजता से संभाला जा सकता है। फिलहाल मुजफ्फरनगर ने यह संदेश दिया है कि धर्म और आस्था के नाम पर किसी भी विवाद को शांति और सौहार्द से ही सुलझाया जा सकता है।