Jiladhikaari Shamli Ko RTO Ke Khilaf Shikayat Patra Dete Truck Chalak Shabbir Ahmad
शामली (संवाददाता दीपक राठी) : उत्तर प्रदेश के शामली (Shamli) जिले में शुक्रवार को एक बड़ा विवाद उस समय खड़ा हो गया जब जम्मू-कश्मीर निवासी ट्रक चालक और परिचालक ने परिवहन विभाग के अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का गंभीर आरोप लगाया। आरोप है कि रिश्वत देने से इंकार करने पर आरटीओ ने उनके ट्रक का एक लाख रुपये से अधिक का चालान काट दिया। इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे यह विवाद और ज्यादा सुर्खियों में आ गया है।

डीएम कार्यालय पहुंचे चालक–परिचालक, लगाया आरोप
जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर निवासी ट्रक चालक शब्बीर अहमद और परिचालक गुलजार सीधे शामली (Shamli) कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने शामली (Shamli) जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि मेरठ-करनाल हाईवे स्थित टोल प्लाजा के पास ढाबे पर खड़े उनके ट्रक का चालान केवल इसलिए काटा गया क्योंकि उन्होंने ‘सुविधा शुल्क’ देने से इनकार कर दिया था।
शब्बीर अहमद ने बताया कि वे अपने ट्रक से जम्मू-कश्मीर से माल भरकर लखनऊ जा रहे थे। यात्रा के दौरान शुक्रवार की सुबह वे टोल प्लाजा के पास एक ढाबे पर रुके और नहा रहे थे। इसी बीच आरटीओ की गाड़ी वहां आ पहुंची और ट्रक हटाने के लिए दबाव बनाने लगी।
परमिट को लेकर विवाद
ट्रक चालक ने जानकारी दी कि उन्होंने पहले ही ₹19,000 सरकार के खाते में जमा कर दिए थे और उसी का ऑनलाइन परमिट सुबह 10 बजे तक जारी हो गया था। इसके बावजूद आरटीओ शामली (Shamli) ने परमिट में खामी का हवाला देते हुए उनका चालान काट दिया।
चालक और परिचालक का आरोप है कि मौके पर आरटीओ शामली (Shamli) ने उनसे रिश्वत की मांग की और पैसे देने से मना करने पर भारी-भरकम चालान थमा दिया। चालान की राशि एक लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस विवाद की वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। वीडियो में ट्रक चालक आरटीओ पर खुलेआम रिश्वत मांगने का आरोप लगाता दिखाई दे रहा है। वहीं दूसरी ओर आरटीओ ट्रक के कागजात की कमी बताते हुए अपनी कार्रवाई को सही ठहराते दिख रहे हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय स्तर पर भी इस प्रकरण पर चर्चा तेज हो गई है। कई लोगों ने इसे भ्रष्टाचार का मामला बताया और ट्रांसपोर्ट विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
आरटीओ का पक्ष: आरोप बेबुनियाद
हालांकि, आरटीओ शामली (Shamli) ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा कि ट्रक का चालान नियमों के अनुसार किया गया था क्योंकि उस समय ट्रक के पास वैध परमिट नहीं था।
उन्होंने यह भी कहा कि रिश्वत मांगने का आरोप पूरी तरह निराधार और बेबुनियाद है। आरटीओ ने दावा किया कि चालान होने से कुछ ही समय पहले ट्रक टोल प्लाजा से गुजरा था और यह सीसीटीवी कैमरों में दर्ज है। ऐसे में यह कहना कि जानबूझकर चालान किया गया या सुविधा शुल्क मांगा गया, गलत है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच की मांग
ट्रक चालक और परिचालक ने शामली (Shamli) डीएम कार्यालय से लिखित शिकायत कर मामले की जांच और संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर बाहरी राज्यों से आने वाले ट्रक चालकों के साथ इस तरह का व्यवहार होगा तो यह पूरे राज्य की छवि खराब करेगा।
शामली (Shamli) के प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि वायरल वीडियो और शिकायत दोनों की जांच की जाएगी। अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
शामली (Shamli) का यह विवाद केवल एक ट्रक चालक और आरटीओ के बीच का मामला नहीं रह गया है, बल्कि इसने परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर चालक–परिचालक रिश्वतखोरी के आरोप लगाकर न्याय की गुहार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अधिकारी सभी आरोपों को झूठा बता रहे हैं। अब सबकी नजर प्रशासन पर टिकी है कि वह इस मामले की जांच कितनी निष्पक्षता से करता है और सच्चाई आखिरकार कब सामने आती है।