Aaropi Pita Ghazipur
गाजीपुर (संवाददाता पवन मिश्रा) : गाजीपुर (Ghazipur) जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक वारदात सामने आई है, जिसमें एक सौतेले पिता ने अपनी ही एक वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर दिया। इस दिल दहला देने वाले अपराध पर गाजीपुर (Ghazipur) की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने न केवल आरोपी को उम्रकैद दी बल्कि उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। खास बात यह है कि इस मामले में अदालत ने सिर्फ 15 दिनों में 11 सुनवाई कर फैसला सुनाया, जो न्यायिक इतिहास में एक मिसाल माना जा रहा है।

20 जुलाई को हुआ था अपराध
यह मामला गाजीपुर (Ghazipur) जिले के शादियाबाद थाना क्षेत्र का है। 20 जुलाई 2025 की रात आरोपी ने अपनी सौतेली बच्ची के साथ यह जघन्य अपराध किया। जानकारी के अनुसार, उस समय बच्ची की मां घर से बाहर थी। जब मां वापस लौटी तो उसने अपनी मासूम बेटी को खून से लथपथ रोते हुए पाया। यह दृश्य देखकर मां के होश उड़ गए। उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी और शिकायत दर्ज कराई।
गाजीपुर (Ghazipur) पुलिस ने मामला दर्ज कर उसी समय से जांच शुरू कर दी। चूंकि मामला मासूम बच्ची से जुड़े दुष्कर्म का था, इसलिए पुलिस ने इसे अपनी प्राथमिकता में रखा और तेज़ी से साक्ष्य जुटाए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
गाजीपुर (Ghazipur) जिले केशादियाबाद थाना पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट, फॉरेंसिक जांच और डीएनए रिपोर्ट को साक्ष्य के रूप में एकत्र किया। इसके अलावा, पीड़िता की मां और पड़ोसियों के बयान भी केस में अहम साबित हुए। पुलिस ने एक महीने से भी कम समय में जांच पूरी कर ली और चार्जशीट दाखिल कर दी।
जांच पूरी होने के बाद मामला स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में पहुंचा, जहां इस पर रोज़ाना सुनवाई की गई।
15 दिनों में 11 सुनवाई
आमतौर पर इस तरह के मामलों में फैसला आने में सालों लग जाते हैं, लेकिन गाजीपुर (Ghazipur) की पॉक्सो कोर्ट ने इस केस को फास्ट-ट्रैक पर लेते हुए 15 दिनों में ही 11 बार सुनवाई की। अदालत ने गवाहों के बयान और मेडिकल रिपोर्ट सहित सभी साक्ष्यों पर गौर करते हुए आरोपी को दोषी करार दिया।
गाजीपुर (Ghazipur) अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इस प्रकार का अपराध न केवल कानून बल्कि पूरे समाज के लिए कलंक है। मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपी को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती।
उम्रकैद और जुर्माने की सजा
गाजीपुर (Ghazipur) स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने आदेश दिया कि यह जुर्माना राशि पीड़िता और उसके परिवार के पुनर्वास में खर्च की जाएगी।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि “ऐसे अपराधियों को समाज में जीने का कोई अधिकार नहीं है। यह फैसला उन सभी को चेतावनी है, जो मासूमों को अपनी हवस का शिकार बनाने की सोचते हैं।”

समाज को मिला बड़ा संदेश
यह मामला न केवल गाजीपुर (Ghazipur) बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल बन गया है। जहां आमतौर पर न्याय प्रक्रिया में लंबा समय लगता है, वहीं इस केस में स्पीडी जस्टिस मिला है। अदालत और पुलिस की तेजी से हुई कार्रवाई ने पीड़िता के परिवार को राहत दी है।
कानून विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के त्वरित फैसले भविष्य में अपराधियों पर नकेल कसने का काम करेंगे। यह न्यायपालिका की संवेदनशीलता और सख्ती को भी दर्शाता है।
गाजीपुर (Ghazipur) पॉक्सो कोर्ट का यह फैसला साबित करता है कि अगर पुलिस और न्यायपालिका गंभीरता से काम करें तो पीड़ितों को जल्द न्याय मिल सकता है। एक वर्ष की अबोध बच्ची के साथ हुए जघन्य अपराध ने सभी को झकझोर दिया था, लेकिन अब अदालत के फैसले ने यह संदेश दिया है कि कानून के शिकंजे से कोई भी अपराधी बच नहीं सकता।