Shamli Me Ganna Bhav Badhane Ko Lekar Collectorate Me Gyapan Dene Pahunche Kisaan
शामली (संवाददाता दीपक राठी) : उत्तर प्रदेश के जनपद शामली (Shamli) में शुक्रवार को किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन अपर जिला अधिकारी (एडीएम) को सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने तीनों शुगर मिल — शामली (Shamli) शुगर मिल, थानाभवन शुगर मिल और ऊन शुगर मिल — पर किसानों का करोड़ों रुपये का बकाया भुगतान न देने का आरोप लगाया। साथ ही किसानों ने आगामी गन्ना सत्र के लिए गन्ना समर्थन मूल्य 500 रुपए प्रति क्विंटल घोषित करने की मांग की। शामली (Shamli) के किसानों का कहना है कि बकाया भुगतान न मिलने और गन्ना मूल्य कम रहने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब हो रही है। किसान न केवल खेती के खर्च उठाने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं बल्कि अपने परिवार का भरण-पोषण भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आगामी 13 अक्टूबर को जिला गन्ना अधिकारी शामली (Shamli)के कार्यालय पर एक बड़ी पंचायत का आयोजन किया जाएगा।

किसानों की समस्या और उनकी मांगें
शामली (Shamli) जिले के किसानों ने स्पष्ट किया कि तीनों शुगर मिलों पर उनका करोड़ों रुपए का बकाया है, जिसे समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है। इससे किसान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। ज्ञापन में कहा गया कि गन्ना भुगतान में देरी से किसानों के रोजमर्रा के खर्च, बच्चों की पढ़ाई और परिवार के जीवन स्तर पर गहरा असर पड़ रहा है।
किसानों ने आरोप लगाया कि कृषि ऋण पर ब्याज दर बढ़ाई जा रही है और विद्युत बिलों पर पेनल्टी लगाई जा रही है। साथ ही, बिल न भरने पर बिजली काट दी जा रही है, जिससे किसानों को गंभीर परेशानी हो रही है। किसानों का कहना है कि यह उनके लिए “दोहरी मार” है — एक ओर बकाया भुगतान न मिलना और दूसरी ओर लागत बढ़ना और बिजली कटौती का दबाव।
गन्ने की बुवाई में लागत लगातार बढ़ रही है। किसान बताते हैं कि वर्तमान में गन्ना मूल्य इतने कम हैं कि लागत निकालने के बाद भी उन्हें लाभ नहीं मिल रहा। ऐसे में किसानों ने मांग की है कि गन्ना समर्थन मूल्य को तत्काल 500 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया जाए ताकि खेती लाभकारी बनी रहे और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरे।
आगामी पंचायत और आंदोलन की तैयारी
शामली (Shamli) में किसानों ने प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो 13 अक्टूबर को जिला गन्ना अधिकारी शामली (Shamli) के कार्यालय पर एक बड़ी पंचायत की जाएगी। इस पंचायत में शामली जिले के दर्जनों गावो के किसान और ग्रामीण शामिल होंगे।
किसानों की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
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जिले की तीनों शुगर मिलों से बकाया भुगतान तत्काल दिलवाना।
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आगामी गन्ना सत्र के लिए गन्ना समर्थन मूल्य 500 रुपए प्रति क्विंटल घोषित करना।
शामली (Shamli) के किसान नेताओं का कहना है कि अगर इन मांगों को नजरअंदाज किया गया तो आंदोलन और तेज होगा। किसानो ने शामली (Shamli) प्रशासन से अपील की है कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और जल्द समाधान निकाला जाए ताकि आगामी गन्ना सत्र में किसानों को राहत मिल सके।
शामली (Shamli) के किसान अब सिर्फ आर्थिक हितों के लिए नहीं बल्कि सारी किसान बिरादरी के अस्तित्व की रक्षा के लिए आंदोलन कर रहे हैं। बकाया भुगतान और गन्ना समर्थन मूल्य उनकी आजीविका और भविष्य से जुड़ा मामला है। आगामी पंचायत और आंदोलन इस संघर्ष की दिशा तय करेंगे। प्रशासन के लिए यह चुनौती है कि वह किसानों की इन गंभीर समस्याओं का समाधान जल्द करे और उनकी आवाज़ को उचित सम्मान दे।
किसानों की आशंका और सरकार से अपेक्षाएं
शामली (Shamli) के किसानों का कहना है कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो यह न केवल शामली (Shamli) जिले में बल्कि पूरे प्रदेश में गन्ना किसानों के बीच व्यापक आंदोलन की शुरुआत हो सकती है। किसानो ने यह भी चेतावनी दी है कि आगामी गन्ना सत्र के पहले तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो यह आंदोलन और तेज रूप ले सकता है। किसानों की आशंका है कि समय पर भुगतान और उचित समर्थन मूल्य न मिलने पर कई किसान कर्ज के जाल में फंस सकते हैं और खेती को छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे। ऐसे में किसानों ने सरकार से अपील की है कि वे उनके हक के लिए ठोस कदम उठाएं, ताकि उनका संघर्ष बेकार न जाए और कृषि को एक सम्मानजनक व्यवसाय के रूप में जारी रखा जा सके।