Bijnor Nursing Me Nirikshan Karti Sangeeta Jain
बिजनौर (संवाददाता महेंद्र सिंह) : उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. सुनील तेवतिया एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं। शनिवार को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य संगीता जैन अग्रवाल ने चाँदपुर पुलिस के साथ बिजनौर (Bijnor) जनपद के कस्बा चाँदपुर स्थित नव जीवन नर्सिंग होम का अचानक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान डॉ. तेवतिया को अवैध रूप से प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया। सरकारी सेवा में रहते हुए प्राइवेट अस्पताल में प्रैक्टिस करना नियमों के विपरीत है, जिसे लेकर पहले भी उन पर सवाल उठ चुके हैं।

डॉक्टर ने देखा तो घबराकर बाथरूम में छिपे
निरीक्षण दल जैसे ही बिजनौर (Bijnor) जिले के नर्सिंग होम में पहुँचा, वहां पहले से मौजूद मरीज और स्टाफ हड़बड़ा गए। संगीता जैन के अनुसार जैसे ही डॉ. सुनील तेवतिया ने निरीक्षण टीम को आते देखा, वह घबराकर तुरंत नर्सिंग होम के बाथरूम में जाकर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।
करीब कुछ मिनट तक वह बाहर नहीं निकले। बिजनौर (Bijnor) पुलिस और महिला आयोग टीम ने दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, जिसके बाद काफी देर में डॉक्टर बाहर आए। इस घटना ने न केवल मौके पर मौजूद लोगों को हैरान किया बल्कि अधिकारियों के रवैये पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
दो महीने पहले भी पकड़े गए थे प्राइवेट OPD चलाते हुए
बिजनौर (Bijnor) महिला आयोग की सदस्य संगीता जैन अग्रवाल ने बताया कि यह पहला मामला नहीं है।
करीब दो महीने पहले भी इसी नर्सिंग होम पर छापा मारा गया था, जिसमें डॉ. तेवतिया प्राइवेट OPD चलाते मिले थे।
तब उन्हें कड़ी चेतावनी दी गई थी कि सरकारी पद पर रहते हुए निजी अस्पताल में चिकित्सकीय सेवाएं देना न सिर्फ नियम विरुद्ध है बल्कि आचार संहिता का घोर उल्लंघन भी है।
इसके बावजूद उन्होंने दोबारा वही गलती दोहराई, जिससे साफ है कि वह नियमों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
महिला आयोग ने जताई कड़ी नाराज़गी
बिजनौर (Bijnor) से संगीता जैन अग्रवाल ने कहा कि सरकारी अधिकारी यदि खुद कानून का पालन नहीं करेंगे तो आम जनता से कैसे उम्मीद की जा सकती है कि वे नियम मानें। उन्होंने यह भी कहा:
“सरकारी अधिकारियों की ऐसी लापरवाही, मनमानी और नियमों की अनदेखी किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उन्होंने बिजनौर (Bijnor) की चाँदपुर पुलिस को सख्त कार्रवाई करने और मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही मुज़फ्फरनगर के स्वास्थ्य विभाग को भी पूरे प्रकरण से अवगत कराया जा रहा है, ताकि सरकारी स्तर पर भी कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
नर्सिंग होम भी घेरे में, लाइसेंस और अनुमति की होगी जाँच
बिजनौर (Bijnor) में निरीक्षण टीम को नर्सिंग होम में कई अनियमितताएँ भी देखने को मिलीं। महिला आयोग की सदस्य ने कहा कि नव जीवन नर्सिंग होम के दस्तावेज, लाइसेंस, स्टाफ की योग्यता, दवाओं के स्टॉक और मरीजों के रिकॉर्ड की भी जांच कराई जाएगी।
यदि नर्सिंग होम में कोई तकनीकी या कानूनी कमी पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की छवि पर सवाल
एक मुख्य चिकित्सा अधिकारी जैसे उच्च पद पर बैठे अधिकारी का बार-बार निजी अस्पताल में नियमों के विरुद्ध प्रैक्टिस करते पाया जाना पूरे बिजनौर (Bijnor) स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी CMO की होती है, लेकिन जब वही अधिकारी नियम तोड़ता हुआ पाया जाए तो विभाग की विश्वसनीयता प्रभावित होना स्वाभाविक है।
क्या होगी कार्रवाई, सबकी नजरें प्रशासन पर
घटना के बाद पूरे बिजनौर (Bijnor) जिले में चर्चा का माहौल है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि
क्या डॉ. तेवतिया के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी,
क्या उनकी सेवा शर्तों के तहत जांच बैठाई जाएगी,
और क्या महिला आयोग की चेतावनी के बाद भी वह अपने कृत्यों पर रोक लगाएंगे?
बिजनौर (Bijnor) प्रशासन की अगली कार्रवाई यह तय करेगी कि सरकारी अधिकारियों पर नियम कितने सख्ती से लागू किए जाते हैं या फिर यह मामला भी सिर्फ चेतावनी तक सीमित रह जाएगा।