ब्यूरो रिपोर्टः हाल ही में भारतीय राजनीति में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सामने भाजपा ने एक बड़ा दांव खेला है। खबरें हैं कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में अपने कद्दावर और हिंदूवादी नेताओं को उम्मीदवार के रूप में उतारने की योजना बना रही है। यह कदम खासतौर पर दिल्ली के चुनावी माहौल और हिंदू वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
Arvind Kejriwal के सामने भाजपा ने चला बड़ा दांव

दिल्ली में भाजपा अपने ऐसे नेताओं को उम्मीदवार बना सकती है, जो न सिर्फ पार्टी के अंदर कद्दावर हों, बल्कि हिंदूवादी विचारधारा के प्रतीक भी माने जाते हों।भाजपा की यह रणनीति मुख्य रूप से केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक स्पष्ट धार्मिक और राजनीतिक संदेश देने के लिए है। पार्टी के नेता यह मानते हैं कि केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सरकार में हिंदू धर्म से जुड़े मुद्दे अक्सर कमजोर हो जाते हैं और ऐसे में एक हिंदूवादी चेहरा दिल्ली में भाजपा के पक्ष में माहौल बना सकता है। भाजपा की यह कोशिश है कि वह एक मजबूत हिंदूवादी नेतृत्व के माध्यम से दिल्ली के हिंदू वोटरों को आकर्षित करे।

पार्टी का यह भी मानना है कि केजरीवाल के प्रशासन के दौरान दिल्ली में कुछ विवादित मसलों, जैसे मस्जिदों के इशारे या धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति देने के मुद्दे, हिंदू वोटों में असंतोष पैदा कर सकते हैं। ऐसे में भाजपा यह मानती है कि एक ऐसा चेहरा, जो हिंदू संस्कृति और आस्थाओं का प्रबल समर्थक हो, चुनावी खेल में बड़ा बदलाव ला सकता है। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है।
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पार्टी ने हमेशा अपने कामकाजी और विकास- एजेंडे को प्रस्तुत किया है, जिसमें आम आदमी के मुद्दे और समाज के सभी वर्गों के लिए काम करने की बात की जाती है। हालांकि, भाजपा के हिंदूवादी चेहरों के मैदान में आने के बाद, केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को अपनी पार्टी की छवि और विकास कार्यों के साथ-साथ अपने हिंदू वोटरों को भी संतुष्ट करने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।