Bijnor Me Diwali Par Patakho Ko Lekar Jhadap
बिजनौर (संवाददाता महेंद्र सिंह) : उत्तर प्रदेश के बिजनौर (Bijnor) जिले में उस समय हड़कंप मच गया जब एक महिला खुद को रामपुर की सिविल जज बताकर एचडीएफसी बैंक में 35 लाख रुपए का लोन कराने पहुंची। महिला ने बैंक कर्मचारियों को अपने सरकारी पद और पहचान पत्र दिखाकर लोन स्वीकृत करने का दबाव बनाया, लेकिन उसके व्यवहार और दस्तावेजों में गड़बड़ी देखकर बैंक स्टाफ को शक हो गया।
बैंक प्रबंधन ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया। उसके साथ आए कार चालक और एक अधिवक्ता से भी पूछताछ की जा रही है।

“जज” लिखी कार में पहुंची महिला, पुलिस ने किया गिरफ्तार
बिजनौर (Bijnor) से जानकारी के अनुसार, गुरुवार दोपहर बिजनौर शहर के एक एचडीएफसी बैंक शाखा में एक महिला “सरकारी कार्य” के नाम पर पहुंची। महिला ने बैंक मैनेजर से कहा कि वह रामपुर जनपद में सिविल जज है और उसे 35 लाख रुपये का लोन चाहिए।
महिला ने बैंक कर्मचारियों को जज के नाम से जारी पहचान पत्र और कुछ आधिकारिक दस्तावेज दिखाए। इसके अलावा, वह जिस कार से बैंक पहुंची थी, उस पर भी बड़े अक्षरों में “जज” लिखा हुआ था।
बिजनौर (Bijnor) बैंक स्टाफ ने जब दस्तावेजों की जांच की तो कई जगह विसंगतियां नजर आईं। महिला का रवैया भी संदिग्ध लगा — कभी वह अपने पद का रौब दिखाती, तो कभी दस्तावेजों में भ्रमित करने वाली बातें करती थी। इसी बीच बैंक अधिकारियों ने तुरंत पुलिस को सूचना दे दी।
सैलरी स्टेटमेंट में फर्जी एंट्री का खुलासा
बिजनौर (Bijnor) पुलिस जांच में पता चला कि महिला ने जो बैंक स्टेटमेंट प्रस्तुत किया था, उसमें सैलरी एंट्री दिखाई गई थी। लेकिन जब बैंक अधिकारियों ने अपने रिकॉर्ड खंगाले, तो पाया कि संबंधित खाते में कभी कोई सैलरी ट्रांजेक्शन हुआ ही नहीं।
यानी महिला ने जज का फर्जी आईडी कार्ड और संदिग्ध बैंक दस्तावेज तैयार कर बैंक को धोखा देने का प्रयास किया था।
बिजनौर (Bijnor) पुलिस ने महिला के कब्जे से मिले पहचान पत्र और दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। अब इनकी सत्यता की जांच जजेस प्रमाणीकरण विभाग और रामपुर जिला न्यायालय प्रशासन से कराई जा रही है।
पुलिस ने महिला, ड्राइवर और अधिवक्ता को लिया हिरासत में
सूत्रों के अनुसार, महिला के साथ उसकी कार में एक ड्राइवर और एक अधिवक्ता भी मौजूद थे। दोनों से पुलिस पूछताछ कर रही है कि क्या उन्हें महिला की पहचान और मंशा के बारे में जानकारी थी।
महिला ने प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह “न्यायिक सेवा से जुड़ी” है, लेकिन जब उससे नियुक्ति पत्र और आधिकारिक पहचान मांगी गई तो वह कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं कर सकी।
फिलहाल बिजनौर (Bijnor) पुलिस ने महिला को संदिग्ध जज पहचान पत्र और “जज” लिखी कार सहित हिरासत में लिया है। बैंक प्रबंधन ने इस संबंध में औपचारिक तहरीर भी दे दी है।
बैंक और न्यायिक महकमे में मचा हड़कंप
बिजनौर (Bijnor) से फर्जी जज का मामला सामने आने के बाद बैंक और न्यायिक विभाग दोनों में हड़कंप मच गया है। बैंक स्टाफ का कहना है कि यह घटना सतर्कता की बड़ी सीख है क्योंकि आजकल कई लोग सरकारी पदों का झूठा दावा करके बैंकिंग सिस्टम को धोखा देने की कोशिश करते हैं।
वहीं बिजनौर (Bijnor) पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए हर दस्तावेज की फोरेंसिक और प्रशासनिक जांच कराई जाएगी। यदि दस्तावेज फर्जी पाए गए तो महिला के खिलाफ धोखाधड़ी, सरकारी पद का दुरुपयोग और जालसाजी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
एसपी ने दिए जांच के निर्देश, आईडी कार्ड की होगी सत्यापन जांच
एसपी बिजनौर (Bijnor) ने कहा कि महिला के पास से बरामद “जज” पहचान पत्र की सत्यता की जांच के लिए रामपुर जिला न्यायालय से संपर्क किया गया है। जांच में स्पष्ट होगा कि महिला का न्यायिक सेवा से कोई वास्तविक संबंध है या उसने पद का फर्जीवाड़ा किया है।
पुलिस फिलहाल मामले की बारीकी से छानबीन कर रही है। वहीं, फर्जी जज बनकर लोन लेने की यह कोशिश पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है।
फर्जी पहचान के सहारे ठगी का नया तरीका
बिजनौर (Bijnor) की यह घटना बैंकिंग सिस्टम और प्रशासन दोनों के लिए चेतावनी है कि फर्जी पहचान और सरकारी पद के दुरुपयोग के ज़रिये ठगी के नए तरीके सामने आ रहे हैं। पुलिस का कहना है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा सरकारी पद का हवाला देकर विशेष सुविधा मांगे जाने पर तत्काल सत्यापन प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।