ब्यूरो रिपोर्ट…. यूपी में बिजली (Electricity) की दरें बढ़ सकती है. नए टैरिफ रेगुलेशन्स लागू होने से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ेगा. उपभोक्ता परिषद ने विरोध जताते हुए पुराने मानकों को बनाए रखने की मांग की है।
त्तर प्रदेश में बिजली (Electricity) की दरों में भारी बढ़ोत्तरी की आशंका जताई जा रही है. इसकी वजह टैरिफ तय करने संबंधी नए मानकों का लागू होना है. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इन प्रस्तावित नए रेगुलेशन्स पर कड़ा विरोध जताया है. परिषद का कहना है कि नए मानकों के कारण उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ेगा, जबकि निजी कंपनियों को इसका सीधा फायदा होगा।
पांच साल के लिए तैयार किए गए मल्टी ईयर वितरण टैरिफ रेगुलेशन्स की अवधि समाप्त होने के बाद उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार को 56 पेज का ड्राफ्ट जारी किया है. इस ड्राफ्ट के तहत नए रेगुलेशन्स को 15 फरवरी तक आपत्ति और सुझाव के लिए खोला गया है. 19 फरवरी को इनपर सुनवाई होगी और फिर इन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा।
यह भी पढ़ेः Heart Attack के कुछ लक्षणों को पहचानकर जान बचाने में मदद मिल सकती है
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि इन नए रेगुलेशन्स के लागू होने से बिजली दरों में भारी बढ़ोत्तरी होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन और डिस्कॉम के निजीकरण के लिए कुछ कंपनियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. बिजली (Electricity) चोरी से होने वाले नुकसान का भार उपभोक्ताओं पर डालने की कोशिश हो रही है, जिससे बिजली महंगी हो जाएगी।