ब्यूरो रिपोर्ट… सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) को एक खगोलीय घटना माना जाता है। सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आने से सूर्य ग्रहण लगता है। सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इसलिए इस दौरान शुभ और मांगलिक काम करने से बचना चाहिए। साथ ही नियम का पालन करना बेहद आवश्यक होता है।
माना जाता है कि सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) के दौरान शुभ और मांगलिक काम करने से व्यक्ति को जीवन में अशुभ फल की प्राप्ति होती है।सूर्य ग्रहण से पहले 12 घंटे सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर जाने से बचना चाहिए और प्रभु के मंत्रों का जप करना चाहिए। ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे साल के पहले सूर्य ग्रहण की डेट और इससे जुड़े नियम के बारे में।
Solar eclipse 2025 डेट और टाइम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर ही लगता है। इस बार साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) 29 मार्च को लगेगा। सूर्य ग्रहण की शुरुआत 29 मार्च को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होगा। लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जिसकी वजह से इसका सूतक काल भी भारत में भी मान्य नहीं होगा। इसके बाद साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा।
किन देशों में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) यूरोप, आयरलैंड, फ्रांस, यूरोप, उत्तर-पश्चिमी रूस, फिनलैंड और रूस समेत आदि देशों में दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण के समय क्या न करें?
सूर्य ग्रहण की अवधि के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए।
इसके अलावा पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) से पहले मंदिर के पट बंद कर देने चाहिए।
इस दौरान भोजन नहीं पकाना चाहिए। साथ ही किसी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के समापन होने के बाद स्नान करें और मंदिर एवं घर में गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। इसके बाद पूजा करें। श्रद्धा अनुसार मंदिर या गरीब लोगों में दान करें।
सुख और समृद्धि में होगी वृद्धि
अगर आप सुख और समृद्धि में वृद्धि चाहते हैं, तो सूर्य ग्रहण के बाद पीपल के पेड़ की पूजाा-अर्चना करें। साथ ही अन्न और धन का दान करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है।