Imran Masood ने क्यों नवरात्र में मीट की दुकानों को बंद करने का समर्थन किया?
शमीम अहमद (संवाददाता) : कांग्रेस सांसद Imran Masood ने नवरात्र के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने का समर्थन किया है। उनका कहना है कि दस दिन मीट नहीं खाएंगे तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इमरान मसूद का मानना है कि हमें एक-दूसरे के धर्म और पर्व का सम्मान करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह बीजेपी का समर्थन नहीं कर रहे हैं।
इमरान मसूद का बयान – मीट के बिना किसी को फर्क नहीं पड़ेगा
सहारनपुर से कांग्रेस सांसद Imran Masood ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि अगर आप दूसरों से सम्मान की उम्मीद करते हैं तो आपको पहले खुद सम्मान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती है, तो इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। उनका मानना था कि नवरात्र के दौरान मीट की दुकानों को बंद करना किसी के लिए कोई बड़ी बात नहीं है, और इसका कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।
नवरात्र में मीट के सेवन पर इमरान मसूद का बयान
Imran Masood ने कहा, “सभी लोग मीट खाते हैं, सिर्फ मुसलमान ही तो मीट नहीं खाते हैं। दस दिन मीट नहीं खाएंगे तो क्या, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। दाल-रोटी खा लीजिए।” उनका यह बयान नवरात्र के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने के मुद्दे पर था, जिसमें उन्होंने सभी धर्मों और पर्वों का सम्मान करने की बात की।
Imran Masood का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इंटरनेट पर वायरल वीडियो में वह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि एक-दूसरे के धर्म और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए, खासकर धार्मिक पर्वों के दौरान। कई लोग उनके बयान को समर्थन दे रहे हैं, जबकि कुछ आलोचना भी कर रहे हैं।

नवरात्र और मीट: क्या है इमरान मसूद का उद्देश्य?
Imran Masood ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी धर्म या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं था। उनका मानना था कि नवरात्र जैसे धार्मिक पर्वों के दौरान सभी को एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करना चाहिए। यह बयान उनके व्यक्तिगत विचार हैं, और उन्होंने किसी पार्टी का पक्ष लेने से इंकार किया।
नवरात्र में मीट पर बैन और राजनीतिक प्रभाव
Imran Masood के इस बयान ने राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। उनका कहना था कि नवरात्र के दौरान मीट की दुकानों का बंद होना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। इसके बावजूद, उनका बयान राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम है। इमरान मसूद का यह बयान राजनीति में धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सद्भाव की महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दे सकता है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद द्वारा नवरात्र के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने के समर्थन में दिए गए बयान पर चर्चा की गई है। इमरान मसूद ने कहा कि अगर दस दिन मीट नहीं खाया जाता है तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, और यह कदम धार्मिक भावनाओं के सम्मान के लिए उठाया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी पार्टी का समर्थन नहीं है, बल्कि वह केवल सांप्रदायिक सद्भाव और एक-दूसरे के धर्मों का सम्मान करने की बात कर रहे हैं।
इमरान मसूद का यह बयान कई तरह की चर्चाओं का कारण बना है। उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि उन्हें नवरात्र के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने से कोई बड़ी समस्या नहीं दिखाई देती। यह कदम धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करने की दिशा में है, हालांकि कुछ लोग इसे एक राजनीतिक कदम मान रहे हैं। इस विषय पर विभिन्न दृष्टिकोण हो सकते हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी धार्मिक पर्वों का आदर करें और समाज में एकता बनाए रखें।