ब्यूरो रिपोर्ट: दिल्ली (Delhi) में आईएएस कोचिंग के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। अदालत की वेबसाइट पर बताया गया कि 21 अक्तूबर को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले शीर्ष अदालत ने 20 सितंबर को मौत की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उच्च स्तरीय समिति को निर्देश दिया था कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए चार सप्ताह के अंदर अंतरिम उपाय पेश करे।
Delhi कोचिंग सेंटर में 3 छात्रों की मौत का मामला
मृतकों दो छात्र और एक छात्रा शामिल थे। तीनों यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। मृतकों की पहचान तेलंगाना निवासी तान्या सोनी, केरल निवासी नेविन डाल्विन और यूपी निवासी श्रेया यादव के रूप में हुई। दिल्ली (Delhi) में कोचिंग संस्थान का तब तक ऑनलाइन संचालन किया जा सकता है, जब तक वे सुरक्षा मानदंडों और गरिमापूर्ण जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित न करें। कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।
29 जुलाई को दिल्ली के मुख्य सचिव ने दिल्ली (Delhi) सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि राजेंद्र नगर स्थित राव कोचिंग संस्थान ने ड्रेनेज सिस्टम को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया था। साथ ही संस्थान में बचाव एमसीडी की रिपोर्ट में कहा था कि जिस प्रॉपर्टी में कोचिंग सेंटर चल रहा था, उसकी पार्किंग की ऊंचाई आसपास की प्रॉपर्टी के मुकाबले कम था। इलाके की अन्य इमारतों में भारी जलभराव की स्थिति में बारिश के पानी को पार्किंग एरिया और बेसमेंट में जाने से रोकने के लिए बैरियर वॉल लगाई गई थी।
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रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि दिल्ली (Delhi) में कोचिंग सेंटर बिल्डिंग के सुरक्षा कर्मचारियों ने कोई निगरानी नहीं रखी, जिसके चलते पानी बिना रुके पार्किंग एरिया को पार कर बेसमेंट में घुस गया।की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस रिपोर्ट में कई सवाल उठाए गए हैं।