ब्यूरो रिपोर्ट… हरियाणा के नए सीएम नायब सैनी (naib saini) होंगे। पंचकूला स्थित भाजपा दफ्तर में भाजपा विधायक दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से चुन लिया गया। भाजपा के पर्यवेक्षक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बैठक में माैजूद रहे। विधायक दल की बैठक में अनिल विज और कृष्ण बेदी ने सैनी का नाम रखा था। सैनी गुरुवार को पंचकूला में शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।
naib saini के हाथों में कमान

शाह ने कहा कि बैठक में एक ही प्रस्ताव मिला जो नायब सिंह सैनी के नाम का था। मैं उनका नाम घोषित करता हूं। नायब सैनी (naib saini) को बहुत बहुत बधाई देता हूं। गृहमंत्री अमित शाह रात को चंडीगढ़ के ललित होटल में रुकेंगे।गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह के बाद पीएम नरेंद्र मोदी हरियाणा राजभवन में मीटिंग लेंगे भाजपा ने अपने सभी 48 विधायकों को अगले दो दिन चंडीगढ़ में ही रहने के निर्देश जारी किए हैं। होटल ललित और हरियाणा राजभवन सेक्टर-6 में काफी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। वहीं होटल हयात में छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।

इनमें बिहार, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड और पुड्डूचेरी के सीएम शामिल हैं। बैठक में शामिल होने नायब सैनी (naib saini) और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली बीजेपी कार्यालय पहुंच गए हैं।पार्टी में नायब सिंह सैनी के नाम को लेकर कोई शक नहीं है।भाजपा ने उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा था। यहां तक कि अमित शाह ने चुनाव से पहले पंचकूला में कार्यकर्ताओं की बैठक एलान किया था कि भाजपा की सरकार बनने पर नायब सिंह सैनी (naib saini) ही राज्य के मुख्यमंत्री होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी रैलियों में नायब सिंह सैनी को ही अगले मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करते आए हैं।

एतिहासिक जीत के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की नजरों में नायब सिंह सैनी का कद भी बढ़ा है। ऐसे में उनके नाम को लेकर कोई संशय नहीं है। बीते मार्च में मनोहर लाल को हटाकर विधायक दल की बैठक में जब नायब सिंह सैनी का नाम रखा गया तो अनिल विज नाराज हो गए थे। वह बैठक से बाहर निकल गए थे। चुनाव से पहले अनिल विज मुख्यमंत्री की दावेदारी जता चुके हैं।
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वहीं, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत भी समय-समय पर दावेदारी जताते रहे हैं। लिहाजा इस तरह के विवादों से बचने के लिए शाह को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले 2022 में शाह यूपी में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर भाजपा विधायक दल की बैठक में शामिल हुए थे और योगी के नाम पर मुहर लगाई गई थी।