किसान आंदोलन के ताजे अपडेट: शंभू खनौरी बॉर्डर से पंजाब सरकार की कार्रवाई पर क्या बोले भाकियू?”
दीपक राठी (संवाददाता): उत्तर प्रदेश के शामली जिले में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के पदाधिकारियों और Farmers ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन हरियाणा और पंजाब के शंभू खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों को पंजाब सरकार द्वारा जबरन उठाए जाने और मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगाने की मांग को लेकर था। भाकियू के पदाधिकारियों ने मांग की है कि इन मुद्दों को शीघ्र हल किया जाए, और अन्यथा दिल्ली में हुए किसान आंदोलन जैसी एक और बड़ी प्रक्रिया की चेतावनी दी है।
Farmers की 5 सूत्रीय मांगों के बारे में जानिए
शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में सैकड़ों किसान Farmers कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपने ज्ञापन के माध्यम से 5 मुख्य मांगें कीं। इन मांगों में प्रमुख रूप से शंभू खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों को पंजाब सरकार द्वारा जबरन उठाए जाने की घटना की निंदा की गई। साथ ही, मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगाने की भी मांग की गई। किसानों का कहना है कि यह समझौता देश के कृषि और डेयरी क्षेत्र के लिए नुकसानकारी हो सकता है।
पंजाब सरकार की पुलिस कार्रवाई और किसान आंदोलन
Farmers का कहना है कि कुछ दिन पहले, जब वे अपनी जायज मांगों के लिए शंभू खनौरी बॉर्डर पर शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे थे, तब पंजाब सरकार और केंद्र सरकार ने दमनकारी नीतियों का सहारा लिया। पंजाब पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर टोलियां और अन्य उपकरणों को तोड़ दिया, और कई किसानों के सामान की चोरी की। इसके अलावा, किसानों ने यह भी बताया कि पुलिस ने उनका उत्पीड़न किया और लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन किया।

मुक्त व्यापार समझौते पर किसानों की चिंताएं
केंद्र सरकार अमेरिका, यूरोपीय संघ और न्यूजीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रही है। भाकियू के अनुसार, यह समझौते देश के राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक हो सकते हैं, खासकर कृषि और डेयरी क्षेत्र के लिए। किसानों का कहना है कि इन समझौतों के परिणामस्वरूप भारत में छोटे व्यवसायों और कृषि उद्योग का नुकसान हो सकता है।
Farmers की 5 प्रमुख मांगें
Farmers ने जिला अधिकारी को निम्नलिखित 5 प्रमुख मांगों का ज्ञापन सौंपा: पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर रोक: पंजाब में किसानों पर जबरन पुलिस बल प्रयोग को तत्काल रोका जाए। लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा: जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बंद किया जाए। किसानों की रिहाई: सभी गिरफ्तार किसानों को बिना शर्त रिहा किया जाए।
सामान की वापसी: किसानों के ट्रैक्टर और अन्य उपकरण, जो पुलिस ने जब्त किए थे, वापस किए जाएं। मुक्त व्यापार समझौते पर रोक: अमेरिका और अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगाई जाए, जो भारतीय कृषि और छोटे व्यवसायों के खिलाफ हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे दिल्ली में हुए किसान आंदोलन की तरह एक और बड़ा आंदोलन करेंगे।
उत्तर प्रदेश के शामली जिले में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) द्वारा कलेक्ट्रेट में सौंपे गए 5 सूत्रीय ज्ञापन से यह स्पष्ट होता है कि Farmers के द्वारा उठाए गए मुद्दे काफी गंभीर हैं। पंजाब सरकार द्वारा शंभू खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के खिलाफ किए गए दमनकारी कदम और मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगाने की मांग ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है।
भाकियू ने अपनी मांगों को शीघ्र हल करने की बात कही है, और यदि इन पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो दिल्ली के किसान आंदोलन की तरह एक और बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। यह स्थिति सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण है, और इसे तत्काल समाधान की आवश्यकता है ताकि किसानों के अधिकारों का सम्मान किया जा सके और कृषि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे।