Kasyap Samaj का आक्रोश: 2027 चुनाव में बीजेपी को वोट की चोट देने की धमकी
दीपक राठी (संवाददाता) : उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में महर्षि कश्यप एकता संगठन के तत्वाधान में Kasyap Samaj के दर्जनों लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपते हुए महर्षि कश्यप जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की मांग की। साथ ही, यह भी चेतावनी दी कि यदि उनकी यह मांग पूरी नहीं की गई तो वे आगामी 2027 में यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देंगे।
Kasyap Samaj की मांग क्या है?
गुरुवार को महर्षि कश्यप एकता संगठन के बैनर तले Kasyap Samaj के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि आगामी 5 अप्रैल को महर्षि कश्यप की जयंती है। समाजवादी सरकार के दौरान इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता था, लेकिन जब से यूपी में भाजपा सरकार आई है, तब से इस अवकाश को समाप्त कर दिया गया है।
कश्यप समाज के लोग इस फैसले से नाराज हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने महर्षि कश्यप जयंती पर सार्वजनिक अवकाश को समाप्त करके कश्यप समाज की भावनाओं से खिलवाड़ किया है। कश्यप समाज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है।
कश्यप समाज की चेतावनी और 2027 विधानसभा चुनाव
Kasyap Samaj के लोगों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि 5 अप्रैल को महर्षि कश्यप की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश नहीं घोषित किया गया तो वे आगामी 2027 यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देंगे। कश्यप समाज का कहना है कि यह उनकी अस्मिता का सवाल है और वे इसे नजरअंदाज नहीं होने देंगे।
यह स्पष्ट है कि कश्यप समाज अब अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से पीछे नहीं हटेगा। अब यह सवाल उठता है कि क्या यूपी सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और कश्यप समाज की मांगों को पूरा करेगी?

क्या कश्यप समाज की मांग स्वीकार होगी?
Kasyap Samaj ने यह आंदोलन केवल अपने अधिकारों की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि आगामी चुनावों में अपनी ताकत दिखाने के लिए किया है। यह आंदोलन एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है। अब यह देखना होगा कि यूपी सरकार और भाजपा इस चेतावनी को गंभीरता से लेगी या नहीं। कश्यप समाज की यह मांग अब राजनीति का हिस्सा बन सकती है।
महर्षि कश्यप जयंती पर अवकाश की मांग से क्या बदलाव आएगा?
Kasyap Samaj की यह मांग केवल सार्वजनिक अवकाश के बारे में नहीं है, बल्कि यह उनकी सामाजिक और राजनीतिक पहचान से जुड़ी है। कश्यप समाज का यह आंदोलन यह भी दर्शाता है कि समाज अब अपनी बात पूरी तरह से उठाने के लिए तैयार है। अब यह देखना बाकी है कि सरकार इस मुद्दे को कैसे हल करती है और आगामी चुनावों में कश्यप समाज का क्या रुख होगा।
महर्षि कश्यप एकता संगठन के द्वारा की गई यह पहल Kasyap Samaj की भावनाओं और अधिकारों को उजागर करती है। कश्यप समाज ने महर्षि कश्यप जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की मांग की है और यदि यह मांग पूरी नहीं की जाती है, तो वे आगामी 2027 यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने की चेतावनी दे रहे हैं। इस आंदोलन से यह स्पष्ट होता है कि कश्यप समाज अपनी अस्मिता और अधिकारों के लिए आवाज उठा रहा है, और यदि उनकी मांगों का सम्मान नहीं किया गया, तो इसका राजनीतिक असर पड़ सकता है।