Muzaffarnagar Me Hindu Shakti Sangthan Dwara Lagaye Gaye Poster
मुजफ्फरनगर (संवाददाता गौरव चौटाला) : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में धार्मिक पोस्टरों को लेकर शुरू हुआ विवाद अब मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) तक पहुंच गया है। शुक्रवार को मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले में उस समय हलचल मच गई जब राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन ने प्रमुख चौराहों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में ‘आई लव महादेव’ लिखे बड़े-बड़े होर्डिंग लगवा दिए। यह कदम सीधे तौर पर उन पोस्टरों की प्रतिक्रिया माना जा रहा है जिनमें हाल ही में ‘आई लव पैगंबर’ लिखकर जगह-जगह प्रचार किया गया था।
जैसे ही यह खबर मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) प्रशासन और पुलिस तक पहुंची, आनन-फानन में कैंट और कोतवाली क्षेत्र की पुलिस हरकत में आई। संवेदनशीलता को देखते हुए तत्काल सभी लगे हुए पोस्टर और होर्डिंग उतरवाए गए। मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) पुलिस अधिकारियों ने राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के संयोजक संजय अरोरा से घर पर मुलाकात कर बातचीत की और स्थिति को शांत करने की कोशिश की।

20 स्थानों पर लगने थे पोस्टर, 5 पर ही लगी रोक
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संगठन की योजना शहर के करीब 20 प्रमुख स्थानों पर ‘आई लव महादेव’ वाले होर्डिंग लगाने की थी। हालांकि अभी तक केवल पांच ही स्थानों पर ये होर्डिंग लगाए गए थे। पुलिस की समय रहते की गई कार्रवाई से इन्हें भी हटा दिया गया।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले में में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया। संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
संगठन की दलील: शिव की आराधना, किसी को टारगेट नहीं
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के संयोजक संजय अरोरा ने साफ किया कि यह पोस्टर किसी धर्म या समुदाय को भड़काने के लिए नहीं लगाए गए थे। उन्होंने कहा, “हमने सिर्फ अपने भगवान शिव का स्मरण किया है। ‘आई लव महादेव’ कहना कोई गलत बात नहीं है। शिव ही शक्ति हैं और शिव ही सबकुछ हैं। हमने किसी धर्म या व्यक्ति को टारगेट नहीं किया है।”
उन्होंने आगे कहा कि यदि अपने ईश्वर का नाम लेने पर भी सवाल उठने लगे तो यह धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश जैसा होगा। “हमारे द्वारा लगाए गए सभी पोस्टर केवल आस्था का प्रतीक हैं। हमने न तो किसी के धर्म का मजाक उड़ाया और न ही किसी तरह का उपद्रव फैलाने का प्रयास किया है,” अरोरा ने कहा।
अनुमति को लेकर खड़े हुए सवाल
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि शहर में किसी भी प्रकार का बैनर, पोस्टर या होर्डिंग लगाने से पहले प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि समाज में अनावश्यक तनाव पैदा न हो।
इस पर संजय अरोरा का कहना है कि “अगर अब धार्मिक पोस्टर लगाने के लिए भी अनुमति लेनी पड़ेगी तो फिर हजारों जगह पर परमिशन की आवश्यकता होगी। हमने केवल अपने धर्म की बात की है और किसी प्रकार की अशांति फैलाने का इरादा नहीं था।”
धार्मिक सौहार्द बनाए रखने की चुनौती
धार्मिक नारों से जुड़े पोस्टरों को लेकर पहले भी कई जिलों में विवाद हो चुका है। कहीं ‘आई लव पैगंबर’ को लेकर विरोध हुआ तो कहीं अन्य धार्मिक संगठनों ने अपने-अपने नारों के साथ प्रतिक्रिया दी। अब मुजफ्फरनगर में भी यही स्थिति सामने आई है।
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में प्रशासन के लिए चुनौती यह है कि किसी भी तरह की धार्मिक प्रतिस्पर्धा को रोककर शांति बनाए रखी जाए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आगे इस तरह की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। यदि किसी ने बिना अनुमति पोस्टर लगाए या ऐसा कोई काम किया जिससे साम्प्रदायिक तनाव बढ़े, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में ‘आई लव पैगंबर’ और ‘आई लव महादेव’ पोस्टरों को लेकर खड़ा हुआ विवाद इस बात की ओर इशारा करता है कि धार्मिक नारों के नाम पर प्रतिस्पर्धा से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। हालांकि प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर होर्डिंग हटवा दिए और संगठन से बातचीत कर स्थिति को नियंत्रित कर लिया है।
अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में प्रशासन इस तरह की घटनाओं पर कितनी सख्ती से लगाम लगा पाता है। फिलहाल जिले के अधिकारी यही अपील कर रहे हैं कि सभी समुदाय आपसी भाईचारा और शांति बनाए रखें, क्योंकि यही सामाजिक समरसता का आधार है।