ब्यूरो रिपोर्टः राजस्थान (Rajasthan) के दौसा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक पांच वर्षीय बच्चा, आर्यन, एक खुले बोरवेल में गिर गया। इस हादसे के बाद पूरी रेस्क्यू टीम ने उसे बाहर निकालने के लिए 56 घंटे तक निरंतर प्रयास किया, लेकिन अफसोस की बात है कि उसे बचाया नहीं जा सका।
Rajasthan के बोरवेल में रेस्क्यू पूरा
राजस्थान (Rajasthan) के दौसा जिले में यह घटना उस समय घटी जब आर्यन खेलते-खेलते अचानक एक खुले बोरवेल में गिर गया। बोरवेल की गहराई और संकीर्ण आकार के कारण बचाव कार्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण हो गया। जब परिजनों और स्थानीय लोगों को इस घटना का पता चला, तो उन्होंने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और पुलिस और रेस्क्यू टीम को सूचना दी। रेस्क्यू टीम ने जिस तरह से अपनी जिम्मेदारी निभाई, उससे यह साफ़ होता है कि बचाव कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है मानवता और समय पर प्रयास।
राजस्थान (Rajasthan) में बच्चे को बचाने के लिए राज्य सरकार ने एक विशेष रेस्क्यू टीम भेजी, जिसमें सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और स्थानीय बचाव दल शामिल थे। रेस्क्यू टीम ने मलबा हटाकर बोरवेल तक पहुंचने का रास्ता तैयार किया, लेकिन यह प्रक्रिया बेहद कठिन थी। बोरवेल के अंदर बच्चे को जीवित निकालने के लिए रेस्क्यू टीम ने अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया और 56 घंटों की मेहनत के बाद आर्यन को बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की।
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राजस्थान (Rajasthan) में दौसा जिले की इस दुखद घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। खुले बोरवेल्स और खतरनाक स्थानों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि किसी अन्य परिवार को इस तरह के दुखद अनुभव का सामना न करना पड़े। 56 घंटे के संघर्ष के बाद भी जीवन को बचाने में नाकामी ने हम सबको यह याद दिलाया कि कभी-कभी परिस्थितियां इतनी जटिल होती हैं कि हमें बचाव कार्य में सफलता नहीं मिल पाती, फिर भी हमें अपनी कोशिशों में निरंतरता बनाए रखनी चाहिए।