शामली के Retired Soldiers ने सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा किए गए निर्दोष पर्यटकों के हत्याकांड ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। इस आतंकी हमले के बाद, उत्तर प्रदेश के शामली में Retired Soldiers ने देश के प्रति अपनी निष्ठा और समर्थन का संकल्प लिया है। Retired Soldiers ने यह स्पष्ट किया है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है, तो वे देश की सेवा के लिए फिर से बॉर्डर पर जाएंगे।
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति
हाल ही में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया और उन्हें बेरहमी से मार डाला। इस हमले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया और भारतीय जनता में गुस्से का माहौल बना दिया। यह घटना पाकिस्तान और भारत के बीच चल रहे तनाव को और बढ़ाने का कारण बन गई है।
रिटायर सैनिकों का युद्ध के लिए संकल्प: “हम देश के लिए फिर से लड़ने को तैयार हैं”
शामली में पूर्व सैनिक संगठन के तहत कई Retired Soldiers ने कलेक्ट्रेट में पहुंचकर जम्मू कश्मीर में हुई इस दुखद घटना के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। रिटायर सैनिकों ने यह घोषणा की कि यदि पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति आती है, तो वे देश की सेवा करने के लिए फिर से बॉर्डर पर जाएंगे और दुश्मन का सामना करेंगे। उनका मानना है कि देश की सुरक्षा और अखंडता सबसे पहले है और इसके लिए वे अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हैं।
Retired Soldiers का संदेश: पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता
Retired Soldiers ने यह भी कहा कि सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उनका मानना है कि आतंकवादियों के खिलाफ नरमी नहीं बरती जानी चाहिए, और यह समय है जब भारत को अपने सुरक्षा बलों को पूरी शक्ति से आतंकवादियों के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी आवश्यकता पड़ी, वे अपने देश की सेवा के लिए आगे आएंगे और दुश्मन से लड़े बिना पीछे नहीं हटेंगे।

भारत का संकल्प और भविष्य की दिशा: पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी
Retired Soldiers ने सरकार से अपील की कि वे पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी प्रकार की नरम नीति को अपनाने के बजाय, कड़ी कार्रवाई करें। उनका मानना है कि यह समय है जब भारत को अपनी आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कदम उठाने चाहिए। Retired Soldiers का यह भी कहना है कि अब कोई समझौता या समझौते की स्थिति नहीं होनी चाहिए; हमें अपने देश की सुरक्षा के लिए कड़ा फैसला लेना होगा।
रिटायर सैनिकों की भूमिका: देश के लिए फिर से लड़ने का संकल्प
शामली के Retired Soldiers ने यह स्पष्ट किया है कि यदि सरकार उन्हें आवश्यक समझे, तो वे देश की सेवा में फिर से तत्पर हैं। उनका कहना है कि उन्होंने हमेशा भारत की रक्षा की है और वे किसी भी हालत में अपनी निष्ठा और समर्पण में कमी नहीं आने देंगे। उनके दिल में अपने देश के लिए अपार प्रेम और सम्मान है।
और वे कभी भी अपनी जान की कीमत पर भी देश की सेवा में पीछे नहीं हटेंगे। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बेहद बढ़ चुका है, और इस स्थिति ने Retired Soldiers को अपने देश के प्रति संकल्पित होने के लिए प्रेरित किया है। Retired Soldiers ने साफ तौर पर यह घोषणा की है कि वे किसी भी प्रकार के युद्ध के लिए तैयार हैं और देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने को भी तैयार हैं।
दरअसल यह घटना न केवल जम्मू कश्मीर, बल्कि पूरे देश में गहरे आक्रोश और दुख का कारण बनी है, और Retired Soldiers का यह संदेश स्पष्ट है कि पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। यदि सरकार उनकी मदद ले, तो वे फिर से बॉर्डर पर जाकर दुश्मन का सामना करने के लिए तैयार हैं।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ती तनाव की स्थिति के बीच Retired Soldiers का यह संकल्प भारत के नागरिकों के लिए प्रेरणा है। यह समय है जब देश को एकजुट होकर आतंकवादियों और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भारत की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित हो सके।