Shamli Ke Kisan – Aatankwad Ke Khilaf Ekjutata
Shamli के किसान बोले – ‘हम सेना के साथ खड़े हैं, आतंकवाद के खिलाफ युद्ध करेंगे!
दीपक राठी (संवाददाता): जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा दो दर्जन से अधिक निर्दोष लोगों की हत्या के बाद, Shamli के किसान आहत हैं और गहरी चिंता का सामना कर रहे हैं। इस नृशंस हमले के खिलाफ किसान मजदूर संगठन के बैनर तले दर्जनों किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी न्यायिक हामिद हुसैन को सौंपते हुए इस हमले की कड़ी निंदा की।
Shamli के किसानों का कड़ा संदेश – जल्द से जल्द इस हमले का बदला लिया जाए
किसानों का कहना है कि सरकार को इस हमले का तुरंत बदला लेना चाहिए। Shamli के किसान अपने तन, मन और धन से भारत सरकार के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं। उनका यह भी कहना है कि अगर सरकार ने इस हमले का बदला लेने में देरी की, तो वे अपनी ट्रैक्टर टालियां और भैंसा बुग्गी लेकर बॉर्डर पर कूच करने से पीछे नहीं हटेंगे।
किसान मजदूर संगठन की ओर से सख्त मांग – “हम सरकार के हर निर्णय में साथ खड़े हैं”
वीओ के अनुसार, गुरुवार को किसान मजदूर संगठन के तत्वाधान में दर्जनों किसान Shamli कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा। इस दौरान किसानों ने अपनी आवाज उठाई कि पहलगाम में जिस तरह निर्दोष पर्यटकों को धर्म पूछकर मौत के घाट उतारा गया है, उस घटना से वे आहत हैं। किसानों ने यह भी कहा कि वे हर परिस्थिति में सरकार और सेना के साथ खड़े हैं।

हम सेना के साथ खड़े हैं” – किसानों का संकल्प
किसान यह भी कहते हैं कि अगर सरकार ने जल्द से जल्द इस हमले का बदला नहीं लिया, तो वे बॉर्डर के लिए कूच करेंगे और सेना के साथ खड़े होकर दुश्मन से लड़ेंगे। Shamli के किसानों ने यह भी सुनिश्चित किया कि वे सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर काम करेंगे, चाहे वह सेना का खाना बनाना हो, कपड़े धोना हो, या फिर बंदूक लेकर दुश्मन का मुकाबला करना हो। उनका संकल्प साफ है – आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए।
किसानों का ऐलान – “हम सेना की पहली पंक्ति में खड़े होंगे”
किसानों ने यह स्पष्ट किया कि वे सेना की पहली पंक्ति में खड़े होकर आतंकवादियों से लड़ने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि यदि सरकार को संसाधनों की कमी महसूस होती है, तो वे अपनी मदद देने के लिए तैयार हैं। किसान यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए।
पहलागाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को गहरे आघात पहुँचाया है, और इस पर Shamli के किसानों की प्रतिक्रिया यह दिखाती है कि वे किसी भी प्रकार की नृशंसता और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं। किसान मजदूर संगठन ने अपनी आवाज उठाते हुए यह स्पष्ट किया है कि वे हर स्थिति में भारत सरकार और सेना के साथ खड़े हैं।
उनकी यह भावना सिर्फ विरोध तक सीमित नहीं है, बल्कि वे अपनी पूरी ताकत और संसाधनों के साथ आतंकवादियों के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं। Shamli के किसान यह स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर सरकार ने इस हमले का बदला नहीं लिया तो वे बॉर्डर की ओर कूच करेंगे और सेना के साथ मिलकर दुश्मन का मुकाबला करेंगे।
उनके इस दृढ़ संकल्प को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उनका उद्देश्य सिर्फ सरकार से बदला लेना नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए एकजुट होकर खड़ा होना है। किसान मजदूर संगठन का यह प्रदर्शन यह साबित करता है कि जब बात देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की होती है, तो हर भारतीय नागरिक, चाहे वह किसान हो या कोई अन्य, अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए तैयार है।
इस घटना से यह भी जाहिर होता है कि किसानों की एकजुटता सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए भी अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।