Shamli Jila Asptaal
शामली (संवाददाता दीपक राठी) : शामली (Shamli) जिले के जिला अस्पताल में गुरुवार रात उस समय अफरा-तफरी मच गई जब इमरजेंसी वार्ड में भर्ती दो मरीजों पर विपक्षी पक्ष ने अचानक लाठी-डंडों से हमला कर दिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि यह हमला अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हुआ। घटना का वीडियो अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया है और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस हमले से न केवल मरीज और उनके परिजन दहशत में आ गए, बल्कि अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

झगड़े से अस्पताल तक पहुँची घटना
जानकारी के अनुसार, शामली (Shamli) जिले के बाबरी थाना क्षेत्र निवासी दो सगे भाई—फुरकान और इरफान पुत्र नूरहसन—गत गुरुवार को किसी कार्य से थानाभवन गए थे। वहीं किसी बात को लेकर उनका विपक्षी पक्ष से विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि झगड़े में दोनों भाइयों को गंभीर चोटें आईं। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल शामली में भर्ती कराया गया।
दोनों भाई अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में इलाज करा रहे थे कि अचानक विपक्षी पक्ष हाथों में लाठी-डंडे लेकर अस्पताल के अंदर घुस आया। हमलावरों ने वहां भर्ती दोनों मरीजों पर हमला बोल दिया। अचानक हुए इस हमले से पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया।
पुलिस की मौजूदगी में हमला
शामली (Shamli) जिले के बाबरी थाना क्षेत्र घटना के समय अस्पताल परिसर में पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। इसके बावजूद हमलावर आसानी से लाठी-डंडों के साथ इमरजेंसी वार्ड तक पहुँच गए और मरीजों पर हमला कर दिया। पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन में अन्य लोगों की मदद से आरोपी को काबू में कर लिया, लेकिन इससे पहले अस्पताल का माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण हो गया।
सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस ने आरोपी को पकड़ा, मगर हैरानी की बात यह है कि थाना आदर्श मंडी पुलिस ने दावा किया कि आरोपी मौके से फरार हो गया था। पुलिस की इस सफाई ने उनकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
शामली (Shamli) जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर यह घटना बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। इमरजेंसी वार्ड जैसे संवेदनशील स्थान पर हथियार लेकर पहुँचना और मरीजों पर हमला करना सुरक्षा प्रबंधन की पोल खोलता है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी जिला अस्पताल में चिकित्सकों और कर्मचारियों पर हमले हो चुके हैं। उन घटनाओं के बाद डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार करते हुए धरना-प्रदर्शन किया था। बावजूद इसके, सुरक्षा व्यवस्था में कोई ठोस सुधार नहीं किया गया। अब एक बार फिर अस्पताल के भीतर हुई मारपीट ने जनता और स्वास्थ्यकर्मियों में डर का माहौल पैदा कर दिया है।
मरीजों और कर्मचारियों में भय
हमले के दौरान अस्पताल में मौजूद मरीज, डॉक्टर और कर्मचारी दहशत में आ गए। इमरजेंसी वार्ड में अफरा-तफरी का माहौल रहा। लोग इस बात से हैरान हैं कि जब अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था और पुलिसकर्मी मौजूद थे, तो आरोपी आसानी से हथियारों के साथ कैसे अंदर पहुँच गए।
शामली (Shamli) जिले के बाबरी थाना क्षेत्र के स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल में आए दिन सुरक्षा से जुड़ी घटनाएँ सामने आती रहती हैं, लेकिन प्रशासन और पुलिस इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं देती।
जनता में आक्रोश, पुलिस पर आरोप
शामली (Shamli) जिले के बाबरी थाना क्षेत्र की घटना के बाद से ही इलाके में आक्रोश फैल गया है। परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही के कारण यह हमला हुआ। उनका आरोप है कि अगर पुलिस सही तरीके से मुस्तैदी दिखाती तो विपक्षी पक्ष अस्पताल के भीतर घुसकर हमला नहीं कर पाता।
सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को पुलिस पकड़ते हुए दिखाई दे रहा है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस का यह दावा कि आरोपी फरार हो गया, लोगों को गले नहीं उतर रहा। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली और उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
सुरक्षा की समीक्षा ज़रूरी
शामली (Shamli) जिला अस्पताल की इमरजेंसी में हुआ यह हमला केवल एक मारपीट की घटना नहीं है, बल्कि यह अस्पतालों की सुरक्षा और पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अगर अस्पताल जैसी जगह पर भी मरीज सुरक्षित नहीं हैं तो यह प्रशासनिक नाकामी का स्पष्ट संकेत है।
शामली (Shamli) जिले के बाबरी थाना क्षेत्र के स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।