ब्यूरो रिपोर्टः मीरापुर (Mirapur) उपचुनाव का प्रचार जोर पकड़ रहा है। राजनीतिक दलों के लिए अगले पांच दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं। विजयश्री के लिए तरकश के हर तीर को छोड़ा जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि अब ओवैसी की एंट्री भी होने वाली है। सपा की जनसभा के बाद रालोद रोड शो की तैयारी में जुटा है। भाजपा-रालोद गठबंधन साफ कर चुका है कि मीरापुर (Mirapur) का चुनाव उनके लिए प्रतिष्ठा का सवाल है।
Mirapur सीट पर लगेगा दिग्गजो का जमावड़ा

मीरापुर (Mirapur) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह की जनसभा में सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव निशाने पर रहे। ऐसे में अब 16 नवंबर को ककरौली में होने वाली समाजवादी पार्टी की जनसभा पर सबकी निगाह टिकी हुई है। देखने वाली बात यह होगी कि सपा मुखिया किस तरह अपने ऊपर किए गए वार पर पलटवार करते हैं। सपा खेमे की पूरी उम्मीद इस जनसभा पर टिकी है। सपा मुखिया की जनसभा के बाद भाजपा-रालोद गठबंधन रोड शो की तैयारी में जुटा है।
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बहुत संभावना इस बात की है कि 17 नवंबर को रालोद अध्यक्ष एवं केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिंह मीरापुर (Mirapur) विधानसभा में अकेले रोड शो करेंगे। प्रचार के आखिरी दिन मीरापुर में दो जनसभाएं होंगी। इनमें ओवैसी और आसपा प्रत्याशी के लिए नगीना के सांसद चंद्रशेखर की जनसभा महत्वपूर्ण है। प्रचार के आखिरी पांच दिन में मीरापुर के चुनाव की दिशा तय हो जाएगी। राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत प्रचार की योजना के लिए झोंक दी है। मीरापुर (Mirapur) उपचुनाव के मैदान में 11 प्रत्याशी हैं। चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं। आसपा के प्रदर्शन पर भी लोगों की निगाह टिकी है।