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Mithlesh Pal ने पहना भाजपा पटका, चौधरी जंयत और उनके समर्थक हुए हैरान…

ब्यूरो रिपोर्टः मीरापुर विधानसभा के उपचुनाव में रालोद के सिंबल पर जीतकर विधानसभा पहुंचीं विधायक मिथलेश पाल (Mithlesh Pal) की तस्वीरें सुर्खियां बटोर रही हैं। लखनऊ में नवनिर्वाचित विधायकों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मुलाकात के दौरान रालोद विधायक मिथलेश पाल ने अपने गले में भाजपा का पटका पहना। दरअसल इससे रालोद खेमे में बेचैनी है। बता दे कि भाजपा-रालोद एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं।

Mithlesh Pal ने पहना भाजपा पटका

Mithlesh Pal ने पहना भाजपा पटका, चौधरी जंयत और उनके समर्थक हुए हैरान...

मीरापुर उपचुनाव से पहले मिथलेश पाल (Mithlesh Pal) भाजपा में ही सक्रिय थीं। रालोद ने टिकट के दावेदारों को दरकिनार कर उपचुनाव में मिथलेश को टिकट दिया और उन्हें जीत हासिल हुई। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए मीरापुर विधायक लखनऊ में हैं। रविवार को मिथलेश पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से मुलाकात की। इस दौरान विधायकों ने भाजपा का पटका पहने रखा। रालोद में होने के बावजूद मिथलेश पाल  के गले में भाजपा का पटका पहनने की तस्वीरें खूब चर्चा में रहीं। बता दे कि वर्ष 1993 में मिथलेश पाल (Mithlesh Pal) बसपा की राजनीति में सक्रिय हुई।

Mithlesh Pal ने पहना भाजपा पटका, चौधरी जंयत और उनके समर्थक हुए हैरान...

जिला पंचायत के वार्ड चार से साल 1995 और 2000 में वार्ड छह से सदस्य चुनी गई थी। इसी साल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा, लेकिन करीबी मुकाबले में हार गई थीं। साल 2009 में वह पहली बार मोरना सीट से विधायक चुनी गई थीं, इसके बाद मीरापुर से उपचुनाव में विधायक बनीं। आपको यह भी बता दे कि मिथलेश पाल ने बसपा से राजनीति शुरू की। रालोद से सबसे ज्यादा चुनाव लड़े। सपा में शामिल हो गईं, लेकिन 2022 में टिकट नहीं मिला। इसके बाद भाजपा में शामिल हुईं।

Mithlesh Pal ने पहना भाजपा पटका, चौधरी जंयत और उनके समर्थक हुए हैरान...

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लोकसभा के चुनाव में भाजपा-रालोद गठबंधन हुआ। मीरापुर के उपचुनाव में मिथलेश पाल (Mithlesh Pal) को टिकट मिलने के बाद भाजपा से वह रालोद में शामिल हो गईं। पाल ने पिछले 17 साल में रालोद के टिकट पर अब तक सात चुनाव लड़े हैं। इस बार वह भाजपा में थीं, लेकिन उपचुनाव रालोद के सिंबल पर ही लड़ा। फिलहाल, रालोद और भाजपा दोनों के लिए यह सियासी घटनाक्रम एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।

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