Vikas Tyagi ne Darul Uloom ko 'aatankwad ki janani' bataya
Darul Uloom विवाद पर विकास त्यागी का बड़ा बयान – ‘आतंकवाद की जननी’, इमरान मसूद को दी चेतावनी
सहारनपुर में मदरसों की जांच शुरू, विकास त्यागी ने बताया सरकार का कदम स्वागत योग्य
शमीम अहमद (संवाददाता): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सहारनपुर जिले में मदरसों की जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
इस फैसले पर बजरंग दल के पूर्व प्रांत संयोजक विकास त्यागी ने प्रतिक्रिया दी है और कहा कि: “सरकार का यह कदम बेहद सराहनीय है। केवल सर्वे नहीं, बल्कि गहन जांच होनी चाहिए।”

मदरसों की जांच पर विकास त्यागी की प्रतिक्रिया
सहारनपुर जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मदरसों की जांच आज से शुरू हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बजरंग दल के पूर्व प्रांत संयोजक विकास त्यागी ने कहा कि सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है और यह जांच बहुत पहले होनी चाहिए थी।
Darul Uloom को ‘आतंकवाद की जननी’ बताया
विकास त्यागी ने आरोप लगाया कि देवबंद स्थित दारुल उलूम मदरसा ‘आतंकवाद की जननी’ है। उन्होंने कहा कि इस मदरसे से कई संदिग्ध गतिविधियाँ जुड़ी हुई हैं और यह विदेशी फंडिंग प्राप्त कर रहा है।
उन्होंने सीधे आरोप लगाए कि:
-
“दारुल उलूम मदरसा आतंकी मानसिकता को जन्म देता है।”
-
“यह संस्था संदिग्ध गतिविधियों में शामिल है।”
-
“इन्हें विदेशी फंडिंग मिल रही है।”
उन्होंने मांग की कि अवैध मदरसों पर बुलडोज़र कार्रवाई होनी चाहिए।

इमरान मसूद को लेकर चेतावनी
विकास त्यागी ने बसपा नेता इमरान मसूद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चाहे 1 घंटे, 24 घंटे, 1 साल या 100 साल की मोहलत ले लो, मैं गारंटी देता हूं कि जो लोग इस तरह की धमकी दे रहे हैं, उन्हें एक दिन हिंदुस्तान छोड़ना ही पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि:“इमरान के आका पहले भी ’15 मिनट’ की बात कर चुके हैं, अब इमरान भी वैसी ही भाषा बोल रहे हैं।”
पश्चिम बंगाल और देश की राजनीति पर तीखा हमला
विकास त्यागी ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि:
“बंगाल अब बांग्लादेश या पाकिस्तान जैसा बन चुका है।”
“केंद्र सरकार को ममता सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।”
दारुल उलूम को लेकर विकास त्यागी का विवादित बयान और इमरान मसूद पर सीधी चेतावनी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां एक ओर योगी सरकार ने मदरसों की जांच शुरू कर दी है, वहीं दूसरी ओर इसे लेकर समाज में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
विकास त्यागी का यह कहना कि “दारुल उलूम आतंकवाद की जननी है” और “इमरान मसूद को एक दिन हिंदुस्तान छोड़ना पड़ेगा” — एक राजनीतिक बयानभर नहीं बल्कि आने वाले समय में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का संकेत भी माना जा रहा है।
यह मामला सिर्फ एक बयान का नहीं, बल्कि पूरे मदरसा सिस्टम, धार्मिक संस्थानों की पारदर्शिता, और देश की आतंरिक सुरक्षा नीति से जुड़ा हुआ है।
अब देखना यह है कि क्या यह बयानबाजी किसी राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है या फिर वास्तव में कोई ठोस जांच और कार्रवाई की नींव रखी जा रही है।
राजनीति गरम है, बयान तेज़ हैं… लेकिन सच क्या है – यह जांच और वक्त बताएगा।