Chaudhary Jayant Singh Dr. Rajkumar Sangwan fund delay Baghpat
Chaudhary Jayant Singh और डॉ. राजकुमार सांगवान ने निधि खर्च न करने के बाद क्या नया कदम उठाया?
रालोद अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री Chaudhary Jayant Singh और उनकी पार्टी के सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने एक साल में अपनी निधि खर्च नहीं की और अब फिर से दस करोड़ रुपये की निधि मिल गई है। यह स्थिति बागपत के विकास के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। दोनों नेताओं ने पिछली निधि खर्च करने के लिए विकास कार्यों के प्रस्ताव देने में कोई रुचि नहीं दिखाई, जिससे निधि का उपयोग न हो सका।
बागपत में निधि खर्च न करने का कारण और इसके प्रभाव
Chaudhary Jayant Singh ने राज्यसभा सांसद बनने के बाद बागपत को अपना नोडल जिला बनाया था, लेकिन उनके खाते में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये अब तक खर्च नहीं हो सके हैं। इसके अलावा, उन्होंने पहले ही कहा था कि वह अपनी निधि का उपयोग केवल खेल सुविधाओं पर करेंगे। लेकिन खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए भी कोई प्रस्ताव नहीं दिए गए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि वे निधि का सही तरीके से उपयोग करने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
Chaudhary Jayant Singh की खेल सुविधाओं पर योजना, लेकिन निष्क्रियता की तस्वीर
Chaudhary Jayant Singh ने निधि को खेल सुविधाओं पर खर्च करने की बात कही थी, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं दिया है, और अधिकारी अब भी नए प्रस्तावों का इंतजार कर रहे हैं। बागपत में खेल सुविधाओं की स्थिति सुधारने के लिए जल्दी कदम उठाने की आवश्यकता है, लेकिन इस समय कोई सकारात्मक बदलाव दिखाई नहीं दे रहा है।
नई निधि का सही उपयोग कब होगा?
अब सवाल यह है कि क्या इस बार, जब उन्हें दस करोड़ रुपये की नई निधि मिली है, वे इसका सही तरीके से उपयोग करेंगे? अधिकारियों का कहना है कि निधि का सही तरीके से इस्तेमाल विकास कार्यों के लिए होना चाहिए, लेकिन नेताओं की निष्क्रियता से यह संभव नहीं हो पा रहा है। Chaudhary Jayant Singh के गढ बागपत के नागरिक उम्मीद करते हैं कि इस बार किसी ठोस योजना के साथ निधि का उपयोग होगा, लेकिन यह फिलहाल अनिश्चित बना हुआ है।

क्या बागपत का विकास रुका रहेगा?
यदि निधि का सही तरीके से उपयोग नहीं किया गया तो यह बागपत के विकास में रुकावट डाल सकता है। नेताओं की निष्क्रियता से बागपत के लोग निराश हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि यह निधि उनके क्षेत्र के विकास में मदद करेगी। इसलिए, यह जरूरी है कि Chaudhary Jayant Singh और डॉ. राजकुमार सांगवान निधि का सही तरीके से उपयोग करने के लिए शीघ्र कदम उठाएं।
क्या योजना है बागपत के लिए?
इस सवाल का उत्तर फिलहाल स्पष्ट नहीं है। क्या रालोद नेताओं के पास इस निधि के लिए कोई ठोस योजना है? या फिर वे इसे भी खर्च करने में कोई गंभीरता नहीं दिखाएंगे? बागपत के लोग और अधिकारी अब उनके निर्णयों का इंतजार कर रहे हैं। इस समय सबसे बड़ी चिंता यह है कि निधि का सही उपयोग न होने से बागपत के विकास कार्यों को नुकसान हो सकता है।