Yogi Adityanath का अयोध्या दौरा: संत रविदास सत्संग भवन उद्घाटन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण तथ्य!
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे। इस दौरे में वे हनुमानकुंड क्षेत्र में नवनिर्मित संत रविदास सत्संग भवन का उद्घाटन करेंगे, जो 1 करोड़ 15 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह भवन उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं विकास निगम द्वारा पर्यटन विभाग के सहयोग से बनवाया गया है। मुख्यमंत्री दोपहर लगभग दो बजे रामकथा पार्क हेलीपैड पर उतरेंगे।
बता दे कि इसके बाद वे हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन करेंगे और फिर श्री राम जन्मभूमि मंदिर जाकर रामलला के दर्शन करेंगे। इसके बाद वे संत रविदास मंदिर पहुंचकर गुरु रविदास और डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों पर माल्यार्पण करेंगे और सत्संग भवन का उद्घाटन करेंगे। इस समारोह के बाद मुख्यमंत्री श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे और प्रसाद वितरण भी करेंगे।
मुख्यमंत्री Yogi Adityanath का अयोध्या दौरा – एक ऐतिहासिक अवसर
दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath के अयोध्या दौरे को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। इस दौरान संत रविदास सत्संग भवन का उद्घाटन अयोध्या में एक ऐतिहासिक घटना मानी जा रही है। यह भवन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने का भी एक माध्यम बनेगा।
संत रविदास सत्संग भवन का उद्घाटन – निर्माण का महत्व
बता दे कि संत रविदास सत्संग भवन का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं विकास निगम द्वारा पर्यटन विभाग के सहयोग से किया गया है। इस भवन का निर्माण 1 करोड़ 15 लाख रुपये की लागत से हुआ है। इस भवन के उद्घाटन से अयोध्या में धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। साथ ही, यह भवन धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एक आदर्श स्थल बन जाएगा।
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम: क्या क्या होगा?
मुख्यमंत्री Yogi Adityanath का कार्यक्रम सुबह से लेकर शाम तक व्यस्त रहेगा। वह दोपहर लगभग दो बजे रामकथा पार्क हेलीपैड पर उतरेंगे। इसके बाद उनका पहला दौरा हनुमानगढ़ी मंदिर का होगा, जहां वह दर्शन करेंगे और फिर श्री राम जन्मभूमि मंदिर जाएंगे, जहां रामलला के दर्शन करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री संत रविदास मंदिर जाएंगे, जहां वह गुरु रविदास और डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों पर माल्यार्पण करेंगे और सत्संग भवन का उद्घाटन करेंगे।

संत रविदास सत्संग भवन का उद्घाटन
यूपी के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath इस दिन संत रविदास सत्संग भवन का उद्घाटन करेंगे। यह भवन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी कार्य करेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे और प्रसाद वितरण भी होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम – क्या होगा खास?
मुख्यमंत्री Yogi Adityanath का अयोध्या दौरा 10 मई को होने वाला है, जिसमें वे कई महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा करेंगे और धार्मिक कार्यों में भाग लेंगे। मुख्यमंत्री का दौरा कुछ इस प्रकार होगा:
रामकथा पार्क हेलीपैड पर उतरना: मुख्यमंत्री दोपहर लगभग दो बजे रामकथा पार्क हेलीपैड पर उतरेंगे।
हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन: इसके बाद, मुख्यमंत्री हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन करेंगे।
राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन: राम जन्मभूमि मंदिर जाकर वे रामलला के दर्शन करेंगे।
संत रविदास मंदिर में पूजा: इसके बाद, मुख्यमंत्री संत रविदास मंदिर पहुंचकर गुरु रविदास और डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों पर माल्यार्पण करेंगे।
संत रविदास सत्संग भवन का उद्घाटन: अंत में, वे संत रविदास सत्संग भवन का उद्घाटन करेंगे और श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे।
संत रविदास सत्संग भवन का उद्घाटन – धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
संत रविदास सत्संग भवन का उद्घाटन अयोध्या में एक नया धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करेगा। यह भवन ना केवल संत रविदास की शिक्षाओं को फैलाने के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह लोगों को एकत्रित करने और उनके बीच सामूहिक श्रद्धा उत्पन्न करने में भी सहायक होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस उद्घाटन से अयोध्या में धार्मिक पर्यटन को भी एक नई दिशा मिलेगी।
मुख्यमंत्री Yogi Adityanath का अयोध्या दौरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने और समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने का भी एक अहम कदम है। संत रविदास सत्संग भवन का उद्घाटन अयोध्या में एक नया धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करेगा, जो आने वाले समय में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।
मुख्यमंत्री Yogi Adityanath के इस दौरे से अयोध्या के प्रमुख मंदिरों – हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि में श्रद्धालुओं को आस्था का नया अनुभव मिलेगा। साथ ही, संत रविदास मंदिर में गुरु रविदास और डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों पर माल्यार्पण का आयोजन समाज में समरसता और एकता का संदेश देने वाला होगा।
बता दे कि यह दौरा न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि समग्र देश के लिए धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।