Akhilesh Yadav ने बीजेपी पर लगाया बड़ा आरोप। जानिए डीएनए की राजनीति का पूरा सच।
ब्यूरो रिपोर्टः Akhilesh Yadav और भाजपा में डीएनए की सियासत के बीच उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियों ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। राज्य सरकार ने गांवों के नए परिसीमन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन यह सिर्फ ग्राम प्रधान चुनने की औपचारिकता नहीं है, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले का सबसे बड़ा सियासी उदासीन साबित होने वाला है। राजनीतिक दल इसे विधानसभा का ‘सेमीफाइनल’ मानकर चल रहे हैं।
Akhilesh Yadav-भाजपा के बीच डीएनए की सियासत
और इसकी तैयारियों में पूरी ताकत झोंक दी है। दरअसल जिसके चलते सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी बड़ा दावा किया है, सपा मुखिया Akhilesh Yadav ने आगे कहा कि हम यूपी पंचायत चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं और भाजपा लगातार सपा के वोट कम करने के लिए काम कर रही है लेकिन अब लोग भी समझ रहे हैं। वही सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav ने कहा है कि इंडिया गठबंधन एकजुट है।
इंडिया गठबंधन मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगा
इंडिया गठबंधन मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगा। हम उस समय सीटों पर बात कर लेंगे। समाजवादी पार्टी किसी सांसद के बयान या किसी के ट्वीट और सोशल मीडिया पर लिखने पर कुछ भी नहीं कहना चाहती है। Akhilesh Yadav प्रदेश सपा मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। Akhilesh Yadav ने कहा कि कारोबार, नौकरी और रोजगार भाजपा सरकार के एजेंडे में नहीं है। भाजपा सरकार ने महंगाई, बेरोजगारी को बढ़ाया है।

Akhilesh Yadav ने योगी सरकार के आपसी अंतरविरोध
देश का पूरा बाजार विदेशियों के हाथ में दे दिया है। जो लोग खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं, स्वदेशी की बात करते हैं, उन्होंने एफडीआई लाकर और नीतियां बनाकर देश का बाजार विदेशी सामानों से पाट दिया। Akhilesh Yadav ने योगी सरकार के आपसी अंतरविरोध भी सामने रखे।Akhilesh Yadav ने कहा कि इस सरकार ने बिजली उत्पादन बढ़ाने और व्यवस्था सुधारने के लिए कोई काम नहीं किया।
चुनाव की तैयारियां राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण
प्राइमरी स्कूलों की गुणवत्ता खराब कर दी। स्कूलों में बच्चे नहीं जा रहे हैं। सरकारी इंटरमीडिएट स्कूलों की जमीनों पर भाजपा नेताओं की नजर है। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह चुनाव 2027 के विधानसभा चुनावों की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। सपा और भाजपा के बीच डीएनए की सियासत ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है।
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2025 ने यह साफ कर दिया है कि यह केवल ग्राम प्रधानों के चुनाव की प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक सेमीफाइनल है। भाजपा और सपा के बीच चल रही डीएनए की सियासत ने इस चुनाव को और भी अधिक संवेदनशील और रणनीतिक बना दिया है।अब देखना यह है कि कौन सा दल पंचायत चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करता है और 2027 के विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल करता है।