लखनऊ, 28 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के आगामी कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट के बीच नए मंत्रियों के नामों को लेकर अटकलें जोरों पर हैं। ऐसे में दो राजनीतिक ध्रुव— बृजभूषण शरण सिंह परिवार और राष्ट्रीय लोक दल (RLD)—एक बार फिर सियासी केंद्रबिंदु बन गए हैं।
प्रतीक भूषण सिंह के मंत्री बनने की चर्चा तेज
सबसे चर्चित नाम गोंडा सदर से विधायक प्रतीक भूषण सिंह का है, जो बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे हैं। हाल ही में प्रतीक और उनके भाई, कैसरगंज से बीजेपी सांसद करण भूषण सिंह ने सीएम योगी से लखनऊ में मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा अपने चरम पर है।
वही राजनीतिक हलकों का मानना है कि बृजभूषण परिवार को दोबारा मुख्यधारा में लाकर बीजेपी 2027 के चुनाव से पहले अपने पश्चिम और पूर्वी यूपी के समीकरण मजबूत करना चाहती है। बृजभूषण सिंह खुद लंबे समय तक प्रभावशाली सांसद रहे हैं और उनके क्षेत्र में अच्छा जनाधार है। अगर प्रतीक मंत्री बनते हैं, तो इसका लाभ पार्टी को कई सीटों पर मिल सकता है।
RLD को राज्य मंत्री पद की आस, जयंत की बढ़ी पकड़
कैबिनेट विस्तार की चर्चा में राष्ट्रीय लोक दल (RLD) की भूमिका भी अहम होती जा रही है। पहले से ही कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार RLD कोटे से सरकार में शामिल हैं। अब खबरें हैं कि एक और राज्य मंत्री का पद RLD को दिया जा सकता है। इसको लेकर रालोद विधायक दल के नेता राजपाल बालियान ने हाल ही में संकेत भी दिए हैं कि उनकी पार्टी के एक और विधायक को मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है।
News 80 से बात करते हुए राजपाल बालियान ने कहा, “गठबंधन के तहत सरकार में RLD की भागीदारी बढ़नी चाहिए। हमें लगता है कि पार्टी को एक और मंत्रालय मिल सकता हैं ।
यह बयान अपने आप में 2027 के चुनावी समीकरण की नींव रखता दिखता है। जयंत चौधरी, जो अब राज्यसभा सदस्य भी हैं, लगातार अपने संगठन और क्षेत्रीय नेतृत्व को मज़बूत कर रहे हैं। उनका RLD अब सिर्फ पश्चिमी यूपी तक सीमित नहीं रहना चाहता।
2027 विधानसभा चुनाव में समीकरण क्या बनेंगे?
वही , बीजेपी को यह भली-भांति समझ में आ गया है कि 2027 में अकेले के दम पर सत्ता में वापसी करना आसान नहीं होगा। ऐसे में RLD जैसे सहयोगियों की भूमिका निर्णायक हो सकती है। अगर RLD को कैबिनेट में और हिस्सेदारी मिलती है, तो जयंत चौधरी और मजबूत होंगे और पार्टी का कार्यकर्ता उत्साहित होगा।
दूसरी ओर, बृजभूषण शरण सिंह के सक्रिय होने से बीजेपी को यूपी के कई जिलों में ओबीसी मतदाताओं का भरोसा फिर से हासिल करने का मौका मिलेगा। बृजभूषण ने हाल ही में इशारों में कुछ मौजूदा मंत्रियों पर निशाना साधते हुए कहा कि “कुछ लोग जिन्हें जनता नहीं देखना चाहती, वे मंत्री बने बैठे हैं” — यह बयान साफ तौर पर अंदरूनी असंतोष और सत्ता की लालसा को जाहिर करता है।
बीजेपी की डैमेज कंट्रोल पॉलिटिक्स
कैबिनेट विस्तार में प्रतीक भूषण और RLD को जगह देना बीजेपी की एक डैमेज कंट्रोल रणनीति मानी जा रही है। पंचायत चुनाव और फिर 2027 विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी हर संभावित सहयोगी को साथ रखना चाहती है।
अब देखना यह होगा कि क्या प्रतीक भूषण को वाकई मंत्री बनाया जाता है और क्या RLD के खाते में एक और मंत्रालय आता है। पर इतना तय है कि बृजभूषण फैक्टर और जयंत चौधरी की भूमिका अगले चुनाव में बीजेपी के लिए जितनी अहम होगी, उतनी चुनौतीपूर्ण भी।