Muzaffarnagar Me Ab Naya Bawal 'Mehandi Jihad'
मुजफ्फरनगर (संवाददाता गौरव चौटाला) : करवा चौथ से ठीक पहले मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जनपद में धार्मिक रंग चढ़ी एक नई पहल ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, करवा चौथ के त्यौहार पर मेहंदी लगाने के सिलसिले में क्रांति सेना की महिला मोर्चा ने “लाठ पूजन” कर यह घोषणा की है कि वह बाजारों में जाकर उन युवकों की पहचान करेगी जो “गैर समुदाय” से हैं और हिंदू महिलाओं के हाथों में मेहंदी लगाते हैं। संगठन ने इसे “मेहंदी जिहाद” का नाम दिया है और दावा किया है कि कुछ युवक मेहंदी लगाने के बहाने “लव जिहाद” को बढ़ावा देते हैं।

मेहंदी शिविर में हुआ ‘लाठ पूजन’
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) शहर में स्थित क्रांति सेना कार्यालय पर आयोजित एक मेहंदी शिविर के दौरान सैकड़ों महिलाओं ने मेहंदी लगवाई। इसी मौके पर महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष पूनम चौधरी ने लाठों का पूजन किया। उन्होंने कहा, “करवा चौथ का पर्व हमारी संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है, लेकिन कुछ लव जिहादी लड़के मेहंदी लगाने के बहाने हिंदू महिलाओं को गुमराह करते हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए हमने लाठ पूजन किया है।”
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने नारे लगाए – “हिंदू बहनों की रक्षा हमारा धर्म है।” पूनम चौधरी ने कहा कि यह अभियान अब पूरे शहर में चलाया जाएगा और कोई भी गैर समुदाय का युवक हिंदू महिला को मेहंदी लगाते हुए पाया गया तो पहले उसकी पहचान जांची जाएगी और जरूरत पड़ने पर “लाठों से सबक” सिखाया जाएगा।
अभियान की योजना और टीमों का गठन
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) क्रांति सेना की महिला मोर्चा ने दावा किया है कि करवा चौथ से एक दिन पहले से ही बाजारों में 10-10 महिलाओं की टीम गश्त करेगी। ये टीमें दुकानों पर जाकर मेहंदी लगाने वालों से उनका आधार कार्ड दिखाने को कहेंगी। यदि किसी युवक की पहचान “गैर समुदाय” से जुड़ी पाई जाती है तो पहले पुलिस को सूचना दी जाएगी।
महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष ने कहा कि इस अभियान की जानकारी प्रशासन को पहले से दे दी जाएगी। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की रक्षा करना है। प्रशासन अगर समय रहते ऐसे मामलों पर ध्यान दे तो किसी को सड़कों पर उतरने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
प्रशासन की सतर्कता और विवाद की आशंका
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले की जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, प्रशासन हरकत में आ गया। पुलिस ने सभी थाना प्रभारियों को संवेदनशील बाजारों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “त्योहारों के दौरान किसी भी तरह की सांप्रदायिक संवेदनशीलता को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। कोई भी व्यक्ति या संगठन सार्वजनिक स्थान पर आईडी जांच या धमकी देने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस तरह की पहल त्योहार के माहौल को खराब कर सकती है। मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) शहर के कुछ सामाजिक संगठनों ने भी प्रशासन से अपील की है कि लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए कानून-व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखा जाए।
कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण
कानूनी जानकारों के अनुसार, किसी व्यक्ति की जाति या धर्म के आधार पर पहचान पत्र की जांच या हिंसा की धमकी देना भारतीय दंड संहिता की धारा 153-A (साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास) और 295-A (धार्मिक भावनाएं भड़काने) के अंतर्गत दंडनीय अपराध हो सकता है।
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि करवा चौथ जैसे पारंपरिक त्योहारों को “धार्मिक टकराव” से जोड़ना महिलाओं की स्वतंत्रता और समाज की एकता के लिए हानिकारक है। वहीं, संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि उनका इरादा किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि “सांस्कृतिक सुरक्षा” सुनिश्चित करना है।
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में करवा चौथ से पहले “लाठ पूजन” और “आईडी जांच” जैसे विवादित अभियान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि धार्मिक आस्था और सामाजिक सौहार्द के बीच संतुलन कैसे बनाए रखा जाए। प्रशासन फिलहाल सतर्क है और शहर के सभी बाजारों में निगरानी बढ़ा दी गई है।
त्योहार के दिन शांति और सौहार्द बना रहे, यही अब प्रशासन और समाज दोनों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।