Bijnor Ke Nursing Home Me Navjaat Shishu Ki Maut
बिजनौर (संवाददाता महेंद्र सिंह) : बिजनौर (Bijnor) जनपद के नूरपुर क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। एक निजी नर्सिंग होम में प्रसव के दौरान डॉक्टर और स्टाफ की कथित लापरवाही से नवजात की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों में रोष फैल गया और उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। मृत नवजात की मां की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के अनुसार, शनिवार की सुबह प्रसव पीड़ा होने पर एक महिला को परिजन नूरपुर के एक निजी नर्सिंग होम में लेकर आए थे। परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती और समय रहते उचित चिकित्सीय सुविधा नहीं दी। प्रसव के दौरान बच्चे की हालत बिगड़ने पर भी डॉक्टर ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण नवजात की मौत हो गई।
परिजनों ने आरोप लगाया कि पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ झलकती है। उनका कहना है कि जब उन्होंने सवाल उठाया तो अस्पताल के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ मौके से फरार हो गए, जिससे परिजन और अधिक आक्रोशित हो गए।

अस्पताल में हंगामा और धरना, मौके पर पहुंचे राष्ट्रीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता
बिजनौर (Bijnor) जिले की घटना के बाद अस्पताल परिसर में हंगामा मच गया। स्थानीय लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। इसी दौरान राष्ट्रीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। यूनियन नेताओं ने कहा कि नर्सिंग होम में लापरवाही के मामले बढ़ते जा रहे हैं और प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
धरने के दौरान यूनियन कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि बिना पर्याप्त सुविधाओं और प्रशिक्षित चिकित्सकों के कई निजी अस्पताल खुलेआम संचालित हो रहे हैं, जो मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
धरना प्रदर्शन के दौरान माहौल तनावपूर्ण रहा, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू में किया। कई घंटों तक चले हंगामे के बाद प्रशासन ने जांच शुरू की, जिसके बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो सकी।

प्रशासन की सख्त कार्रवाई — लेबर रूम और ओटी सील, नोटिस जारी
बिजनौर (Bijnor) के नूरपुर क्षेत्र की इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। एसीएमओ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद विश्वकर्मा ने अस्पताल का निरीक्षण किया और मौके पर गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। जांच के दौरान पाया गया कि अस्पताल में न तो प्रशिक्षित डॉक्टर मौजूद थे और न ही आवश्यक उपकरणों का सही उपयोग हो रहा था।
डॉ. विश्वकर्मा ने तत्काल प्रभाव से लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर (ओटी) को सील कर दिया। साथ ही नर्सिंग होम को तीन दिन के भीतर जवाब देने का नोटिस जारी किया गया। उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल प्रबंधन संतोषजनक जवाब नहीं देता है, तो उसका लाइसेंस रद्द कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बिजनौर (Bijnor) के स्वास्थ्य विभाग ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं और कहा है कि दोषी पाए जाने पर डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों की आंखों में आंसू, मां की हालत नाजुक
बिजनौर (Bijnor) की घटना के बाद परिजनों की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी उम्मीदें इस अस्पताल से लगा रखी थीं, लेकिन लापरवाही ने उनका बच्चा छीन लिया। नवजात की मां की हालत भी बेहद गंभीर है, जिसे दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया है।
परिवार ने बिजनौर (Bijnor) पुलिस से गुहार लगाई है कि डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए। उनका कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वे शांत नहीं बैठेंगे।
स्थानीय लोगों में रोष, स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल
बिजनौर (Bijnor) जिले की इस घटना ने नूरपुर ही नहीं बल्कि पूरे बिजनौर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में कई निजी अस्पताल बिना अनुमति और आवश्यक मानकों के संचालित हो रहे हैं। लोग मजबूरी में इन्हीं अस्पतालों का सहारा लेते हैं और परिणामस्वरूप ऐसी घटनाएं घट रही हैं।
स्थानीय नागरिकों और यूनियन नेताओं ने प्रशासन से मांग की है कि जिले के सभी निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों की जांच कराई जाए।
बिजनौर (Bijnor) के नूरपुर का यह मामला केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। चिकित्सा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी ऐसे हादसों को जन्म देती है। अब देखना यह होगा कि स्वास्थ्य विभाग इस दर्दनाक घटना पर कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है और पीड़ित परिवार को न्याय कब तक मिलता है।