Shamli Collectorate Me Dharne Par Baithe Kisaan
शामली (संवाददाता दीपक राठी) : उत्तर प्रदेश के जनपद शामली (Shamli) में एक बार फिर किसानों का गुस्सा सड़कों पर नजर आया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने जिला मुख्यालय पर पहुंचकर मौजूदा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और धरना प्रदर्शन किया। किसानों की प्रमुख मांग रही कि गन्ना समर्थन मूल्य ₹450 प्रति क्विंटल घोषित किया जाए ताकि उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके।
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति लगातार उदासीन रवैया अपना रही है। अब किसान चुप नहीं बैठेगा। यदि जल्द ही उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो भारतीय किसान यूनियन पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेगी। प्रदर्शन के उपरांत किसानों ने अपनी 17 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम जिला अधिकारी को सौंपा।

किसानों ने रखी 17 सूत्रीय मांगें, गन्ना मूल्य, बिजली और आवारा पशु पर जोर
शामली (Shamli) भाकियू के पदाधिकारियों ने बताया कि ज्ञापन में किसानों से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण मांगें शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से—
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गन्ना समर्थन मूल्य ₹450 प्रति क्विंटल घोषित किया जाए।
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किसानों को आवारा पशुओं के आतंक से राहत दिलाई जाए।
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शामली की सभी चीनी मिलों से गन्ना बकाया भुगतान समय से कराया जाए।
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छोटे किसानों को कृषि यंत्र मुफ्त उपलब्ध कराए जाएं।
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स्मार्ट मीटर प्रणाली को तत्काल समाप्त किया जाए।
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किसानों को मुफ्त या सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जाए।
इन मांगों के अलावा किसान यूनियन ने कहा कि सरकार को किसानों की स्थिति समझनी चाहिए क्योंकि कृषि लागत लगातार बढ़ रही है, जबकि उपज का मूल्य उसी अनुपात में नहीं बढ़ा। किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे संघर्ष जारी रखेंगे।
‘किसान बदहाल, सरकार बेपरवाह’ — भाकियू के कपिल खाटीयान का बयान
शामली (Shamli) कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी कपिल खाटीयान ने कहा कि मौजूदा समय में किसान पूरी तरह से आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। कृषि से जुड़ी सभी वस्तुओं — जैसे खाद, बीज, कीटनाशक और डीजल — की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन गन्ने का समर्थन मूल्य पिछले कई वर्षों से स्थिर है।
उन्होंने कहा, “किसान अब बर्बादी की कगार पर खड़ा है। उसकी लागत बढ़ गई है लेकिन आमदनी घट रही है। ऊपर से आवारा पशु दिन-रात खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सरकार केवल कागज़ों में योजनाएं बनाती है, ज़मीन पर कुछ नहीं दिखता।”
भाकियू नेता ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों को जल्द नहीं माना तो भारतीय किसान यूनियन राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगी और सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेगी।
कलेक्ट्रेट में गरजा किसानों का हुजूम, अधिकारियों को सौंपा ज्ञापन
शामली (Shamli) कलेक्ट्रेट परिसर में सुबह से ही किसानों का जमावड़ा शुरू हो गया था। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से आए किसान हाथों में झंडे और बैनर लेकर पहुंचे और “किसान एकता जिंदाबाद” के नारे लगाए। पूरे परिसर में प्रशासनिक चहल-पहल बढ़ गई।
शामली (Shamli) जिला प्रशासन की ओर से मौके पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। बाद में भाकियू के पदाधिकारियों ने जिला अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि अगर सरकार किसान विरोधी नीतियां जारी रखती है, तो भाकियू सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी।
सरकार पर उठे सवाल, कब मिलेगा किसानों को न्याय?
शामली (Shamli) के किसानों का कहना है कि गन्ना उनकी आजीविका का प्रमुख साधन है, लेकिन लगातार बकाया भुगतान और कम मूल्य के कारण उनका जीवन संकट में है। चीनी मिलों द्वारा समय पर भुगतान न मिलने से किसानों को निजी कर्ज लेना पड़ता है।
इसके अलावा बिजली बिलों में लगातार बढ़ोतरी और स्मार्ट मीटर प्रणाली ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। किसान संगठन का कहना है कि सरकार केवल वादे करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा।
आंदोलन की चेतावनी, नहीं मानी मांगे तो सड़क पर उतरेगा किसान
शामली (Shamli) में भारतीय किसान यूनियन का यह प्रदर्शन यह संदेश दे गया कि अब किसान चुप रहने को तैयार नहीं है। संगठन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने गन्ना मूल्य बढ़ाने और अन्य मांगों को जल्द पूरा नहीं किया, तो वे बड़े आंदोलन की राह पर चलेंगे।
किसानों की बढ़ती नाराजगी सरकार के लिए खतरे की घंटी बनती जा रही है। शामली (Shamli) में भाकियू का यह प्रदर्शन प्रदेशभर में किसानों की एकता और संघर्ष की नई तस्वीर पेश करता है।