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शामली संवाददाता ( दीपक राठी): कैराना (Kairana) से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन (Iqra Hasan) एक बार फिर राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में हैं। इस बार मामला उनके फेसबुक अकाउंट से जुड़ा हुआ है, जहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर एक विवादित वीडियो पोस्ट किया गया। वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक हलचल तेज हो गई है। हालांकि यह साफ नहीं है कि यह फेसबुक अकाउंट वाकई इकरा हसन का आधिकारिक अकाउंट है या किसी ने उनके नाम से फर्जी आईडी बनाकर यह पोस्ट साझा की है।
संसद में वैष्णो देवी ट्रेन की मांग के बाद अब विवादित पोस्ट से चर्चा
हाल ही में कैराना (Kairana) सांसद इकरा हसन (Iqra Hasan) संसद के बजट सत्र के दौरान शामली से माता वैष्णो देवी तक सीधी ट्रेन चलाने की मांग को लेकर सुर्खियों में आई थीं। वहीं अब उनके नाम से संचालित एक फेसबुक अकाउंट से एक ऐसा वीडियो पोस्ट हुआ जिसने सांप्रदायिक तनाव की आशंका को बढ़ा दिया है।
पोस्ट किए गए वीडियो में दो हिस्से दिखाए गए हैं।
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ऊपरी हिस्से में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भाषण लगाया गया है, जिसके ऊपर “दंगाई गुरु” लिखा गया है।
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वहीं नीचे वाले हिस्से में धर्मगुरु प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन की क्लिप है, जिसके ऊपर “धर्मगुरु” लिखा गया है।
यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल होने लगी और 14 हजार से ज्यादा लोग वीडियो देख चुके हैं, जबकि कमेंट सेक्शन में कई उपयोगकर्ता कथित आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियाँ करते दिखाई दे रहे हैं।
क्या यह अकाउंट असली है या फर्जी? जांच की मांग तेज
सूत्रों के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब सांसद इकरा हसन के नाम से सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट्स के जरिए पोस्ट डालने की शिकायत सामने आई हो।
जनवरी 2025 में स्वयं सांसद ने संसद मार्ग के डीसीपी को लिखित शिकायत दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ अज्ञात लोग उनके नाम और तस्वीरों का उपयोग करके फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स चला रहे हैं।
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया था कि इन अकाउंट्स से राजनीतिक रूप से संवेदनशील और विवादित पोस्ट शेयर की जाती हैं, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुँचाती हैं, बल्कि क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव भी पैदा कर सकती हैं।
इसके बावजूद, शिकायत दर्ज होने के बाद भी इनमें से कई अकाउंट्स अभी भी सक्रिय हैं। इसीलिए अब इस नए वीडियो को लेकर फिर से जाँच और कार्रवाई की मांग उठने लगी है।

विवादित वीडियो से बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी
वीडियो के वायरल होने के बाद क्षेत्र में सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है।
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सत्ताधारी दल के समर्थक इसे सोची-समझी साजिश बता रहे हैं।
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वहीं विपक्ष के कुछ लोग इसे फर्जी अकाउंट की साजिश करार देकर सांसद की छवि खराब करने की कोशिश बता रहे हैं।
स्थानीय पुलिस भी मामले में सोशल मीडिया सेल के जरिए अकाउंट की सत्यता की जांच में जुटी है। यदि अकाउंट फर्जी पाया जाता है, तो संबंधित लोगों पर आईटी एक्ट और अन्य धाराओं में मामला दर्ज हो सकता है।

सोशल मीडिया पर सावधानी की जरूरत
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि:
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सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाना कितना आसान है?
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कोई भी व्यक्ति किसी की पहचान का दुरुपयोग करके कितना बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है?
विशेषज्ञों का कहना है कि नेताओं, सार्वजनिक हस्तियों और आम नागरिकों को अपने नाम से सक्रिय फर्जी अकाउंट्स की नियमित निगरानी करनी चाहिए।
फेसबुक पर पोस्ट किया गया यह विवादित वीडियो राजनीतिक माहौल को गर्म कर रहा है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिक गई हैं कि जांच में सामने क्या सच आता है — क्या यह अकाउंट वास्तव में सांसद इकरा हसन का है या किसी साजिश के तहत चलाया जा रहा फर्जी अकाउंट?
जाँच के परिणाम आने तक मामला राजनीतिक चर्चा और बहस का केंद्र बना रहेगा।