Meerut File Photo
मेरठ (संवाददाता सौरभ कौशिक) : मेरठ (Meerut) से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहाँ पुलिसकर्मियों को देर रात सड़क पर एक मृत व्यक्ति का शव फेंकते हुए देखा गया। इस घटना का वीडियो आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

ई-रिक्शा में रखकर शव को दूसरे इलाके में ले जाकर फेंका
घटना मेरठ (Meerut) के थाना मेडिकल क्षेत्र की बताई जा रही है। वायरल वीडियो में दिखाई देता है कि पुलिसकर्मी एक ई-रिक्शा में मृत व्यक्ति का शव लेकर शास्त्रीनगर स्थित एल-ब्लॉक चौराहे पर पहुंचते हैं। वीडियो के अन्य हिस्सों में बाइक पर सवार दो पुलिसकर्मी भी साफ़ नजर आते हैं।
मेरठ (Meerut) के स्थानीय लोगों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस अपने थाने के क्षेत्राधिकार से शव को हटाकर दूसरे इलाके में फेंकने की कोशिश कर रही थी, ताकि जिम्मेदारी और जांच का बोझ न उठाना पड़े। यह कार्य न केवल अनैतिक है बल्कि पुलिस नियमों और मानवता के खिलाफ भी है।

वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो ने लोगों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या मेरठ (Meerut) पुलिस शवों को निपटाने के लिए इस तरह का तरीका अपनाती है? क्या यह संवैधानिक और मानवीय जिम्मेदारियों से भागने की कोशिश है?
स्थानीय लोगों के अनुसार:
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पुलिसकर्मी रात के अंधेरे में शव को ई-रिक्शा पर रखकर लाए
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शास्त्रीनगर एल-ब्लॉक चौराहे पर उसे फेंककर चली गई
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पूरा दृश्य आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो गया
मेरठ (Meerut) की यह वीडियो सामने आने के बाद घटना को लेकर गंभीर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लोग सोशल मीडिया पर पुलिस को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं और इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा कर रहे हैं।
घटना ने उजागर किए कई सवाल
इस घटना ने मेरठ (Meerut) पुलिस की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं—
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क्या पुलिस अपने क्षेत्र से शव हटाकर दूसरे इलाके में डाल रही थी?
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मृत व्यक्ति की पहचान और मृत्यु का कारण जानने का प्रयास क्यों नहीं किया गया?
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क्या पुलिस ने पोस्टमार्टम जैसी प्रक्रिया को भी नजरअंदाज किया?
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क्या यह नियमित रूप से होने वाली घटनाओं में से एक है जो अब कैमरे में कैद हो गई?
इन सवालों के जवाब देने की ज़िम्मेदारी अब पुलिस प्रशासन पर है।
पुलिस जांच की मांग तेज
वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि पुलिसकर्मी ही कानून को तोड़ने लगें, तो आम जनता किससे न्याय की उम्मीद करे?
उधर, प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन दबाव बढ़ने के बाद जांच की संभावना प्रबल है।
मेरठ (Meerut) पुलिस के इस शर्मनाक और अमानवीय कृत्य ने पूरे प्रदेश में पुलिस की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृत व्यक्ति के शव के प्रति इस तरह का बर्ताव न केवल अनैतिक है बल्कि मानवता को भी ठेस पहुँचाने वाला है। अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं।