1 Lakh Ki Rishwat Lete Pakde Gaye Afsar (Shamli)
शामली संवाददाता (दीपक राठी) : उत्तर प्रदेश के शामली (Shamli) जिले में मंगलवार का दिन प्रशासनिक महकमे के लिए बेहद चौंकाने वाला साबित हुआ। मेरठ स्थित उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की 12 सदस्यीय टीम ने सफल ट्रैप कार्रवाई के दौरान शामली कलेक्ट्रेट की दूसरी मंजिल पर स्थित सहायक महानिरीक्षक निबंधन एवं सहायक आयुक्त स्टाम्प कार्यालय पर छापेमारी करते हुए एक बड़ी रिश्वतखोरी का भंडाफोड़ किया।
इस छापेमारी में सहायक आयुक्त रविंद्र मेहता और उनके कार्यालय के स्टेनो अश्वनी को एक किसान से 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। अचानक हुई कार्रवाई से पूरे कलेक्ट्रेट परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
इस ट्रैप ऑपरेशन का नेतृत्व मेरठ से पहुँचे सीओ विजिलेंस आजाद सिंह ने किया।

किसान से 6 लाख रुपये की मांग का आरोप
शामली (Shamli) जिले के ग्राम मुंडेट कलां निवासी किसान महेश कुमार ने वर्ष 2024 में हथछोया गांव में 26 बीघा जमीन खरीदी थी, जिसका दाखिल-खारिज एक महीने बाद ही विधिवत रूप से हो गया। लेकिन इसके बाद सहायक आयुक्त रविंद्र मेहता द्वारा उल्टे किसान को नोटिस भेज दिया गया कि उसकी जमीन “आबादी में आती है” इसलिए कार्रवाई की जाएगी।
किसान के अनुसार, नोटिस की आड़ में अधिकारियों द्वारा उससे 6 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई, जिसे धीरे-धीरे कम करके 1 लाख 60 हजार पर ला दिया गया। बाद में सौदेबाजी 1 लाख रुपये पर तय हुई, लेकिन उसी दौरान किसान के भतीजे वरदान निर्वाल ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत लखनऊ मुख्यालय में मौखिक रूप से दर्ज करा दी।
इसके बाद पीड़ित किसान को मेरठ विजिलेंस कार्यालय पर बुलाकर लिखित शिकायत ली गई और उसी आधार पर ट्रैप योजना तैयार की गई।
रंगे हाथों दबोचा गया स्टाफ
शामली (Shamli) में मंगलवार को निर्धारित योजना के तहत किसान महेश कुमार तय रकम लेकर सहायक आयुक्त के कार्यालय पहुँचा। जैसे ही उसने 1 लाख रुपये स्टेनो अश्वनी को दिए, उसी समय विजिलेंस टीम ने छापा मार दिया और दोनों अधिकारियों—सहायक आयुक्त रविंद्र मेहता और स्टेनो अश्वनी—को दबोच लिया।
दोनों को तुरंत विजिलेंस टीम थाना आदर्श मंडी लेकर आई, जहां सीओ विजिलेंस ने घंटों पूछताछ की। कार्यालय में रखे दस्तावेजों और संबंधित फाइलों को भी टीम द्वारा कब्जे में लिया गया।
भ्रष्टाचार पर मचा हड़कंप
विजिलेंस की इस कार्रवाई के बाद शामली (Shamli) प्रशासन में हलचल तेज हो गई है। कलेक्ट्रेट में मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों में खौफ और असहजता का माहौल देखने को मिला। लोगों का कहना है कि यह मामला जिले में फैले भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करता है।
शामली (Shamli) के किसानों में भी इस कार्रवाई को लेकर संतोष है, क्योंकि लंबे समय से भू-राजस्व कार्यालयों में मनमानी शुल्क, नोटिस भेजकर वसूली, और फर्जी रिपोर्टिंग की शिकायतें मिलती रही हैं।
किसान की बड़ी लड़ाई—भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी जीत
शामली (Shamli) के किसान महेश कुमार और उनके परिवार ने इस पूरी कार्यवाही के लिए विजिलेंस टीम का आभार व्यक्त किया। ग्रामीणों का कहना है कि यह कार्रवाई बाकी भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए भी एक सख्त संदेश है।
सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस अब इस पूरे मामले की डोर से डोर जांच करते हुए इससे जुड़े अन्य कर्मचारियों की भूमिका भी खंगालेगी।