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यूपी की मऊ कोर्ट ने Abbas Ansari को सुनाई 2 साल की सजा

Abbas Ansari sentenced to 2 years in hate speech case by court

Abbas Ansari की सजा से उत्तर प्रदेश की राजनीति में मचा भूचाल, जाने पूरा मामला

ब्यूरो रिपोर्टः माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे Abbas Ansari को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा हुई है। शनिवार को मऊ कोर्ट ने यह फैसला दिया। सजा का ऐलान के साथ ही अब्बास अंसारी की विधायकी भी चली जाएगी। कोर्ट ने Abbas Ansari के साथ ही उनके चुनाव एजेंट मंसूर को 6 महीने की सजा सुनाई है।

दोनों पर 2-2 हजार का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने आज सुबह साढ़े 11 बजे दोनों को दोषी करार दिया। जबकि अब्बास अंसारी के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया था।

Abbas Ansari की विधायकी पर संकट

Abbas Ansari के वकील दरोगा सिंह ने कहा- सजा होने के बाद अब्बास और मंसूर ने 20-20 हजार के बेल बॉन्ड भर दिए, जिसके बाद दोनों को जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद जब अब्बास कार से घर के लिए निकले तो पुलिसकर्मी ने उन्हें रोकने की कोशिश की। कहा- आधे घंटे रुक जाइए। दरअसल इस पर Abbas Ansari ने कहा- सुबह से भूखे हैं। खाना खाने के बाद आ जाऊंगा। पुलिसकर्मी ने जवाब दिया- जिले का बॉर्डर क्रॉस मत करिएगा।

राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण

Abbas Ansari ने पलटकर जवाब दिया- हम खुद ही फंसे हैं, अब क्या और फंसने का काम करेंगे? अब्बास को जिस मामले में सजा हुई है, वह 2022 में हुए विधानसभा चुनाव का है। इस दौरान एक चुनावी रैली में Abbas Ansari ने कहा था- सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। जो जहां है, वहीं रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा। फिर ट्रांसफर होगा।

सजा के ऐलान के बाद कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील

सजा के ऐलान के बाद कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। बता दे कि पुलिस के साथ एसओजी के जवान भी तैनात रहे। कोर्ट में पेशी से पहले Abbas Ansari के एक समर्थक ने जबरन कोर्ट में घुसने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। Abbas Ansari ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा से विधायक हैं।  वह अपने छोटे भाई उमर अंसारी और समर्थकों के साथ शनिवार सुबह 8 बजे कोर्ट पहुंचे। उन्होंने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन भी किया।

Mau court sentenced Abbas Ansari to 2 years in hate speech case
Mau court sentenced Abbas Ansari to 2 years in hate speech case

अब्बास अंसारी हेट स्पीच सजा मामला

Abbas Ansari हेट स्पीच सजा मामला केवल एक व्यक्ति की सजा भर नहीं है, बल्कि यह भारत के लोकतांत्रिक तंत्र और न्याय व्यवस्था की सख्ती व निष्पक्षता का एक स्पष्ट उदाहरण है।  मऊ कोर्ट द्वारा Abbas Ansari को 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए विवादित बयान के लिए दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाना न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

चुनावी राजनीति में जवाबदेही की एक मिसाल

बल्कि यह चुनावी राजनीति में जवाबदेही की एक मिसाल भी पेश करता है। सजा मिलने के बाद अब्बास अंसारी की विधायकी पर खतरा मंडराना तय है।  भारत के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, किसी भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि को अगर दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी विधायकी स्वतः समाप्त मानी जाती है।

यह फैसला सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी  और मुख्तार अंसारी परिवार के लिए एक बड़ा राजनीतिक झटका है। जहां अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म हो सकती है, वहीं इससे उनकी पार्टी की साख और जनसमर्थन पर भी असर पड़ना तय है। इससे यह स्पष्ट होता है कि कानून सबके लिए बराबर है, चाहे व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।

इसके अलावा, इस फैसले से यह स्पष्ट संदेश गया है कि विवादित और भड़काऊ बयानों को राजनीति में सहन नहीं किया जाएगा। न्यायपालिका ने यह भी दिखाया है कि यदि साक्ष्य पर्याप्त न हों तो निष्पक्षता के साथ बरी भी किया जा सकता है, जैसा कि उमर अंसारी के मामले में हुआ। अतः Abbas Ansari की सजा लोकतंत्र और कानून के प्रति गंभीरता का परिचायक है, जो आने वाले समय में राजनीतिक नेतृत्व को जिम्मेदारी से काम करने के लिए प्रेरित करेगा।

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