Avaidh Ret Khanan Ka Virodh Karte Gramin (Shamli)
शामली (संवाददाता दीपक राठी) : उत्तर प्रदेश के जनपद शामली (Shamli) में अवैध और ओवरलोड रेत खनन के खिलाफ बुधवार को ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। मामला झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव बल्हेडा का है, जहां ग्रामीणों ने गांव से होकर गुजर रहे रेत से भरे ओवरलोड ट्रकों को बीच सड़क पर रोक लिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान बड़ी संख्या में महिला और पुरुष ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए रेत खनन के खिलाफ अपना विरोध जताया। ग्रामीणों का आरोप है कि खनन माफिया प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों को ताक पर रखकर रेत खनन कर रहे हैं, जिससे गांव के रास्ते, मकान और पर्यावरण तक बर्बाद हो रहे हैं।

गांव की सड़कें टूटी, मकानों में दरारें — ओवरलोडिंग से ग्रामीण बेहाल
शामली (Shamli) जिले के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई महीनों से गांव से होकर अवैध और ओवरलोड रेत खनन के वाहन लगातार गुजर रहे हैं। दिन-रात धड़ल्ले से दौड़ते इन ट्रकों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की वजह से गांव की सड़कों की हालत जर्जर हो चुकी है। जगह-जगह सड़कें धंस गई हैं, कई मकानों में दरारें आ गई हैं और पूरे इलाके में धूल का गुबार छाया रहता है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इन वाहनों के चलते आए दिन हादसों की संभावना बनी रहती है। बच्चों और बुजुर्गों को सड़क पार करना तक मुश्किल हो गया है। गांव की महिलाओं का कहना है कि भारी वाहनों के गुजरने से घरों की दीवारों में कंपन होता है और कुछ मकान तो हिलने तक लगते हैं। कई बार प्रशासन को शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
बताया गया कि ग्राम प्रधान ने भी इस मामले में आवाज उठाई थी, लेकिन पुलिस ने उल्टा ग्राम प्रधान को ही हिरासत में ले लिया, जिससे ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया। इसके बाद बुधवार को ग्रामीणों ने ओवरलोड वाहनों का रास्ता रोक लिया और प्रशासन से न्याय की मांग की।
प्रशासन पर मिलीभगत के आरोप, स्थायी समाधान की मांग
शामली (Shamli) जिले के ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों और आरटीओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रेत खनन के वाहनों की पहले से ही एंट्री करा दी जाती है, जिसके बाद ओवरलोड वाहन बिना जांच के सड़कों पर दौड़ते हैं। उनका कहना है कि रेत खनन का पट्टा जिस जगह स्वीकृत है, वहां न चलकर किसी अन्य स्थान पर खनन कार्य किया जा रहा है, और यह सब प्रशासनिक संरक्षण में हो रहा है।
शामली (Shamli) के झिंझाना क्षेत्र के ग्रामीणों ने कहा कि यदि अधिकारियों ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही ओवरलोड वाहनों को गांव से गुज़रने से नहीं रोका गया, तो वे सड़कों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे और खनन स्थल का घेराव करेंगी।
शामली (Shamli) जिले की इस घटना की जानकारी मिलते ही झिंझाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। हालांकि, ग्रामीणों ने तब तक सड़क नहीं छोड़ी जब तक प्रशासन ने उन्हें उच्च अधिकारियों से बातचीत का आश्वासन नहीं दिया।
शामली (Shamli) पुलिस ने भारी संख्या में बल तैनात कर स्थिति को नियंत्रित किया। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को शांत कराया और कहा कि मामले की जांच की जा रही है। प्रशासन ने यह भी भरोसा दिलाया कि यदि किसी भी प्रकार की अवैध ओवरलोडिंग या खनन पाया जाता है, तो संबंधित ठेकेदारों और वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई चाहिए। उन्होंने मांग की है कि रेत खनन स्थल को गांव से दूर स्थानांतरित किया जाए और ओवरलोड वाहनों की आवाजाही पर तत्काल रोक लगाई जाए।
शामली (Shamli) जनपद के बल्हेडा गांव की यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि आखिर प्रशासन अवैध खनन को रोकने में असमर्थ क्यों है? ग्रामीणों की परेशानियाँ अब चरम पर हैं। टूटी सड़कों, दरकते मकानों और लगातार धूल-धुएं के बीच उनका सब्र टूट चुका है। अब सभी की नजरें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं कि क्या वह खनन माफियाओं पर लगाम लगाएगा या मामला एक बार फिर आश्वासनों में ही दफन रह जाएगा।