
Baghpat Nutrition Rehabilitation Center Inauguration
Baghpat के कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र का उद्घाटन
ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश के Baghpat में कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए नई सुविधा शुरू हो गई है। डीएम अस्मिता लाल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोषण पुनर्वास केंद्र का उद्घाटन किया। बता दे कि इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य जनपद के कुपोषित बच्चों का समुचित उपचार और देखभाल करना है। नए केंद्र में 6 बेड की व्यवस्था की गई है।
Baghpat में कुपोषण के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम
यहां अति-कुपोषित बच्चों को 6 से 7 दिन तक भर्ती रखा जाएगा। बच्चों को विशेष देखभाल और पोषणयुक्त आहार दिया जाएगा। बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए उनकी माताओं के ठहरने की भी व्यवस्था की गई है, Baghpat डीएम ने स्वास्थ्य कर्मियों को केंद्र के संचालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर तीरथ लाल, डिप्टी सीएमओ डॉक्टर यशवीर और सीएचसी अधीक्षक डॉ विभास राजपूत मौजूद रहे। Baghpat जिला कार्यक्रम अधिकारी नागेंद्र मिश्रा, स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी इस दौरान उपस्थित थे।

केंद्र का उद्घाटन कुपोषण के खिलाफ सकारात्मक कदम
यूपी के Baghpat में पोषण पुनर्वास केंद्र का उद्घाटन कुपोषण के खिलाफ एक सकारात्मक कदम है। इस केंद्र के माध्यम से कुपोषित बच्चों को बेहतर उपचार और देखभाल मिल सकेगी, जिससे उनकी सेहत में सुधार होगा। दरअसल सरकार की यह पहल अन्य जिलों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करती है, जिससे कुपोषण की समस्या को प्रभावी ढंग से दूर किया जा सके।
उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल अधिकारी
Baghpat में कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र का उद्घाटन, जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक और सराहनीय प्रयास है। यह केंद्र न सिर्फ कुपोषित बच्चों के उपचार के लिए जरूरी है, बल्कि यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा।
बच्चों के साथ उनकी माताओं की व्यवस्था
बच्चों के साथ उनकी माताओं की व्यवस्था, पोषणयुक्त आहार, दवाइयां और विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी — ये सभी चीजें इस पहल को और भी मजबूत बनाती हैं। Baghpat डीएम अस्मिता लाल और स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए इस कदम से न सिर्फ कुपोषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे समाज में पोषण के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
सरकार की यह पहल उन जिलों के लिए भी प्रेरणादायक हो सकती है जहां कुपोषण की समस्या अब भी गंभीर बनी हुई है। यदि इसी तरह हर जिले में प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए, तो जल्द ही देश को कुपोषण मुक्त बनाना संभव हो सकेगा। यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने और जन स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक मजबूत कदम है।