Bijnor में योगनगरी ऋषिकेश से प्रयागराज संगम एक्सप्रेस ट्रेन बड़े हादसे से बची। पढ़ें पूरी खबर।
महेंद्र ढांका (संवाददाता): खबर उत्तर प्रदेश के Bijnor से है, जहां योगनगरी ऋषिकेश से प्रयागराज संगम एक्सप्रेस ट्रेन बड़े हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बची। आंधी में चलती ट्रेन पर यूकेलिप्टस का पेड़ गिरा। संयोग से विद्युत लाइन ट्रिप हो गई और बड़ा हादसा टल गया। ट्रेन रुकने पर दो और बड़े पेड़ ट्रेन पर गिर गए। यात्रियों में अफरातफरी मच गई। करीब एक घंटा दस मिनट बाद विद्युत लाइन दुरुस्त होने पर ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना हुई।
Bijnor में ट्रेन हादसा: घटना का पूरा विवरण
Bijnor में एक्सप्रेस ट्रेन 14230 पर चंदक रेलवे स्टेशन के निकट आंधी के बीच यूकेलिप्टस का पेड़ ट्रेन पर गिर गया। शाम करीब छह बजे ट्रेन और विद्युत लाइन पर पेड़ गिरते ही विद्युत लाइन ट्रिप हो गई। उधर, चालक ने भी इमरजेंसी ब्रेक लिए। ट्रेन रुकते ही कुछ फासले से दो और पेड़ ट्रेन पर गिर गए। ट्रेन पर पेड़ गिरते ही यात्रियों में करंट की आशंका से चीखपुकार मच गई।
Bijnor में ट्रेन हादसा: राहत एवं बचाव कार्य
अनहोनी की आशंका से कुछ यात्री ट्रेन से उतरकर इधर-उधर भागने लगे। सूचना पर रेल पथ और टीआरडी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी घटना स्थल पहुंचे। ट्रेन, यात्रियों और विद्युत लाइन को नुकसान न पहुंचने पर रेल कर्मियों ने राहत की सांस ली। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद विद्युत लाइन और ट्रेन पर गिरे पेड़ हटाए गए। देर शाम 7:10 बजे ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना किया गया। एक्सप्रेस ट्रेन का चंदक में स्टॉपेज नहीं है।

तेज आंधी में गिरा पेड़ और ट्रिप हुई विद्युत लाइन
ट्रेन अपनी रफ्तार से Bijnor के चंदक रेलवे स्टेशन पार कर नजीबाबाद की ओर दौड़ रही थी। संयोग से आंधी में ट्रेन पर पहले यूकेलिप्टस का जो पेड़ गिरा, वह भारी भरकम नहीं था। पेड़ गिरते ही लाइन ट्रिप हो गई और जब भारी भरकम दो पेड़ ट्रेन पर गिरे उस समय ट्रेन खड़ी थी। बड़े पेड़ अगर दौड़ती ट्रेन पर पहले गिरते तो बड़ा हादसा हो सकता था।
देहरादून से काठगोदाम जाने वाली नैनी एक्सप्रेस प्रभावित
ट्रेन पर पेड़ गिरने से योग नगरी ऋषिकेश से प्रयागराज संगम एक्सप्रेस और देहरादून से काठगोदाम जाने वाली नैनी एक्सप्रेस प्रभावित हुईं। देहरादून से काठगोदाम जाने वाली नैनी एक्सप्रेस लगभग डेढ़ घंटा प्रभावित हुई। Bijnor में योगनगरी ऋषिकेश से प्रयागराज संगम एक्सप्रेस ट्रेन पर आंधी के दौरान यूकेलिप्टस का पेड़ गिरने से बड़ा हादसा टल गया।
प्राकृतिक आपदाओं के बीच सावधानी और त्वरित प्रतिक्रिया
यह घटना हमें यह सिखाती है कि प्राकृतिक आपदाओं के बीच सावधानी और त्वरित प्रतिक्रिया कितनी महत्वपूर्ण होती है। विद्युत लाइन का ट्रिप होना इस दुर्घटना में बड़ा हादसा टालने का सबसे बड़ा कारण बना। इस घटना से यह भी साफ होता है कि रेलवे सुरक्षा व्यवस्था में सुधार और आपातकालीन स्थिति में तेजी से निर्णय लेने की क्षमता कितनी जरूरी है।
यात्रियों की जान बचाने के लिए Bijnor रेलवे प्रशासन का तुरंत राहत एवं बचाव कार्य करना इस घटना को बड़ी दुर्घटना बनने से बचा पाया। आगे भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पेड़ों की नियमित कटाई, ट्रैक के आसपास साफ-सफाई और मौसम के अनुसार सुरक्षा प्रबंधों को और मजबूत बनाना आवश्यक है।
यात्रियों को भी आपातकालीन स्थिति में संयम और सही दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए ताकि दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। Bijnor ट्रेन हादसे की यह घटना हमें आगाह करती है कि प्रकृति की अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा सतर्क रहना जरूरी है। इससे ना केवल यात्रियों की जान बचती है, बल्कि रेलवे नेटवर्क की विश्वसनीयता भी बनी रहती है।