Bijnor Me Current Lagne Se Kisaan Ki Maut SE Gussaye Gramino Ne Sadak Par Lagaya Jaam Vidyut Vibhag Ke Khilaf Karwai Ki Maang
बिजनौर संवाददाता महेंद्र सिंह बिजनौर (Bijnor) के नूरपुर थाना क्षेत्र के गांव असदपुर धमरौली में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। खेत में चारा लेने गए किसान वीरेंद्र सिंह (45) को 440 वोल्ट के बिजली खंभे से करंट लगने के कारण मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि खंभे में लंबे समय से करंट दौड़ रहा था और मृतक कई बार इस समस्या की सूचना विद्युत विभाग को दे चुका था।
संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान भी वीरेंद्र सिंह ने अधिकारियों को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। इसी लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ।
बिजनौर (Bijnor) के नूरपुर थाना क्षेत्र के गांव असदपुर धमरौली में घटना के बाद गांव में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर विरोध स्वरूप जाम लगा दिया। उन्होंने दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।

विभागीय लापरवाही पर ग्रामीणों और किसान नेताओं का गुस्सा
बिजनौर (Bijnor) के नूरपुर थाना क्षेत्र के गांव असदपुर धमरौली के ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की लापरवाही लगातार किसानों की जान को खतरे में डाल रही है। मृतक के परिजनों ने अधीक्षण अभियंता अनुप शर्मा, जेई विनय शर्मा और एसडीओ नवरतन सिंह के खिलाफ तहरीर दी है।
थाना प्रभारी ने पुष्टि की कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और दोषियों की गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है।
किसान नेताओं ने भी घटना पर कड़ा रोष जताया। उनका कहना है कि यदि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीण आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
ग्रामीणों ने सड़क पर शव रखकर किया प्रदर्शन, प्रशासन ने दिया मुआवजे का आश्वासन
बिजनौर (Bijnor) केहादसे के बाद ग्रामीणों ने मुख्य सड़क जाम कर दी और अधिकारियों से तत्काल न्याय और मुआवजे की मांग की। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और मृतक के परिवार को मुआवजा देने का आश्वासन दिया।
स्थानीय पंचायत और किसान संगठन ने भी अधिकारियों से मांग की कि विद्युत विभाग में गंभीर लापरवाही की जांच की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के उपाय किए जाएं।
बिजली खंभों की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
यह हादसा ग्रामीण इलाकों में बिजली खंभों और अन्य विद्युत उपकरणों की सुरक्षा और निगरानी में कमी को उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने खंभों की नियमित जांच न होने के कारण ऐसे हादसे बार-बार होते रहते हैं।
स्थानीय लोगों ने कहा कि यदि विभाग ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो वीरेंद्र सिंह की जान बचाई जा सकती थी। इस घटना ने अधिकारियों और विभाग के लिए गंभीर चेतावनी पेश की है।
प्रशासन और विभाग के लिए चेतावनी
बिजनौर (Bijnor) के किसान नेताओं और ग्रामीणों का कहना है कि यदि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वह बड़े आंदोलन पर उतरेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि विभागीय अधिकारी जिम्मेदारी से काम करें और भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।
घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली खंभों और अन्य खतरनाक उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है। केवल कानूनी कार्रवाई ही नहीं, बल्कि वास्तविक सुरक्षा उपाय लागू करना भी जरूरी है।
बिजनौर (Bijnor) के ग्रामीणों और नेताओं की मांग है कि भविष्य में किसानों की सुरक्षा और उनकी जान की रक्षा के लिए विभाग को कठोर कदम उठाने चाहिए।बिजनौर की यह घटना विद्युत विभाग की लापरवाही और ग्रामीण सुरक्षा में कमी का उदाहरण है। किसान नेता और ग्रामीण न्याय की मांग करते हुए स्पष्ट कर चुके हैं कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। प्रशासन और विभाग के लिए यह घटना चेतावनी है कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित और सख्त कदम उठाने होंगे।