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Toggleमिलावटखोरों पर योगी बेहद सख्त, अब चौराहों पर लगाई जाएंगी दोषियों की तस्वीर
उत्तर प्रदेश में मिलावटखोरी को लेकर CM Yogi बेहद सख्त रुख अपना चुकी है। खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाओं के कारोबार को ‘सामाजिक अपराध’ बताते हुए मुख्यमंत्री ने अब ऐसे दोषियों को सार्वजनिक रूप से बेनकाब करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से शातिर अपराधियों की तस्वीरें चौराहों पर लगाई जाती हैं, उसी तरह मिलावटखोरों की भी तस्वीरें सार्वजनिक स्थलों पर लगाई जाएंगी, ताकि समाज को उनके खिलाफ सजग किया जा सके।
मिलावट पर जीरो टॉलरेंस नीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा कोई भी समझौता अक्षम्य है। खाद्य और औषधि सुरक्षा के लिए सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत अब मिलावटखोरों और नकली दवाओं के कारोबारियों पर निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
जनता की भागीदारी
सरकार ने आम लोगों को भी इस मुहिम में जोड़ने का फैसला किया है। ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ नामक मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है और एक टोल फ्री नंबर 1800-180-5533 भी जारी किया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शिकायत का समाधान तभी मान्य होगा जब शिकायतकर्ता संतुष्ट हो।
उत्पादक इकाइयों पर होगी सघन जांच
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि तेल, घी, मसाले, दूध और पनीर जैसी उपभोक्ता वस्तुओं की जांच उत्पादन स्थल पर ही की जाए। दुग्ध उत्पादों की सघन जांच के लिए समर्पित टीमें बनाई जाएंगी, जो नियमित रूप से निगरानी करेंगी। साथ ही पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान कर उन पर प्रभावी नियंत्रण की बात भी कही गई।
राज्य में खाद्य और औषधि प्रयोगशालाओं का तेज़ी से विस्तार किया गया है। अलीगढ़, अयोध्या, आजमगढ़, बरेली, बस्ती, चित्रकूट, कानपुर, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर और देवीपाटन मंडलों में नई प्रयोगशालाएं और कार्यालय स्थापित किए गए हैं। लखनऊ, गोरखपुर और झांसी में प्रयोगशालाओं को उन्नत किया गया है।
हाईटेक माइक्रोबायोलॉजी लैब्स की स्थापना
लखनऊ, मेरठ और वाराणसी में अत्याधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब्स की स्थापना की गई है, जहां सूक्ष्मजीव, प्रोटोजोआ, विषाणु, माइक्रोटॉक्सिन्स और अन्य रोगकारक तत्वों की जांच की जा रही है। लखनऊ और मेरठ में यह जांच प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने इन लैब्स के रखरखाव के लिए ‘कॉर्पस फंड’ स्थापित करने का सुझाव भी दिया।
पुलिस के साथ समन्वय बढ़ेगा
नकली औषधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री ने पुलिस और FSDA के बीच समन्वय को और मजबूत करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन कार्यवाहियों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करना आवश्यक है।
खाद्य सुरक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने के लिए पासवर्ड-संरक्षित बारकोड प्रणाली लागू की गई है। प्रत्येक नमूने का परीक्षण वैज्ञानिकों द्वारा डिजिटल माध्यम से किया जाएगा, और वरिष्ठ अधिकारियों की स्वीकृति के बाद ही रिपोर्ट मान्य मानी जाएगी।
निवेश और रोजगार में उल्लेखनीय वृद्धि
औषधि और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में राज्य ने उल्लेखनीय निवेश आकर्षित किया है। बीते तीन वर्षों में 1,470 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मंज़ूरी मिली है, जिससे 3,340 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। फुटकर औषधि प्रतिष्ठानों में भी 65,000 से अधिक नए रोजगार सृजित किए गए हैं।
CM Yogi का संगठनात्मक मजबूती पर जोर
मुख्यमंत्री ने FSDA की कार्यक्षमता को और अधिक सशक्त बनाने के लिए विभाग में खाली पदों पर शीघ्र भर्ती शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान तभी सफल होगा जब जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ इसे जमीनी स्तर पर लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ शुरू की गई यह सख्त कार्रवाई न केवल जनस्वास्थ्य को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि समाज में अपराध के प्रति नफरत और जवाबदेही की भावना भी मजबूत करेगी। ‘चौराहों पर तस्वीरें’ लगाने जैसे कदमों से यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि उत्तर प्रदेश में अब कोई भी अपराधी कानून से बच नहीं सकता।