Dulhe Ne Lautaya 51 Lakh Ka Dahej Misaal Kayam (Bulandshahr)
बुलंदशहर (संवाददाता हिना अहमद) : बुलंदशहर (Bulandshahr) में एक विवाह ऐसा हुआ जिसने समाज के सामने दहेज-मुक्त शादी की अनोखी मिसाल पेश की है। मथुरा की कृष्णा और बुलंदशहर के विवेक का यह विवाह न केवल सादगीपूर्ण रहा बल्कि सामाजिक सुधार का संदेश भी देता है। दूल्हे पक्ष ने दहेज में मिली 51 लाख रुपये की नकदी वापस लौटा कर सिर्फ चांदी का एक सिक्का स्वीकार किया, जिसे सभी ने सराहा।

सर्व खाप पंचायत की अपील का दिखा असर
पिछले दिनों मुजफ्फरनगर के सोरम में आयोजित सर्व खाप पंचायत में जाट समाज से एक अहम अपील की गई थी—
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शादी बगैर दहेज हो
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मृत्यु भोज न किया जाए
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फिजूलखर्ची रोकने के लिए सामूहिक प्रयास हों
सोरम खाप और अन्य खापों के सरदारों ने सामाजिक सुधार के लिए एक मजबूत संदेश दिया था।
इसी अपील का प्रभाव बुलंदशहर (Bulandshahr) में दिखाई दिया, जब विवेक और उनके परिवार ने खाप के निर्णय का सम्मान करते हुए दहेज न लेने का दृढ़ संकल्प किया।
विवेक ने दहेज की 51 लाख रुपये नकद लिफाफे को माथे से लगाकर लौटाया
बुलंदशहर (Bulandshahr) में विवाह समारोह के दौरान, वधु पक्ष की ओर से औपचारिक रूप से दहेज में 51 लाख रुपये देने की रस्म निभाई गई थी।
लेकिन जैसे ही लिफाफा विवेक के हाथों में आया, उन्होंने उसे माथे से लगाकर सम्मानपूर्वक वापस कर दिया और कहा—
“दहेज लेना गलत परंपरा है, हम खाप के निर्णय और सामाजिक मूल्यों के साथ हैं। हमें सिर्फ रिश्ते चाहिए, धन नहीं।”
दूल्हे विवेक का यह कदम समारोह में मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर गया।
समाज के विभिन्न वर्गों ने इसे “ऐतिहासिक और प्रेरणादायक” बताया।
चांदी का एक सिक्का लेकर सम्पन्न हुआ विवाह
वधू पक्ष की ओर से प्रतीकात्मक रूप से चांदी का एक सिक्का भेंट किया गया, जिसे विवेक ने स्वीकार किया।
इससे संदेश गया कि विवाह दो परिवारों का मिलन है, न कि आर्थिक लेन-देन।
समारोह में मौजूद लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से इस निर्णय का स्वागत किया।
यह विवाह पूरी तरह से सादगीपूर्ण, मर्यादित व सामाजिक आदर्शों को सम्मान देने वाला रहा।
मेरठ रोड स्थित मैरिज होम में हुआ समारोह
विवेक और कृष्णा का विवाह बुलंदशहर (Bulandshahr) के मेरठ रोड स्थित एक निजी मैरिज होम में सम्पन्न हुआ।
समारोह में आए मेहमानों ने कहा कि यह शादी समाज की सोच बदलने वाला कदम है।
कई स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी इस दहेज-मुक्त विवाह की प्रशंसा की।
बिना दहेज के विवाह को मिला सर्व समाज का आशीर्वाद
बुलंदशहर (Bulandshahr) के इस समारोह में शामिल लोगों ने इसे “नई पीढ़ी की सोच” बताया।
सर्व समाज, स्थानीय पंचायतों और संभ्रांत लोगों ने दूल्हे परिवार का खूब सम्मान किया।
बताया जा रहा है कि इस तरह के दहेज-मुक्त विवाहों को प्रोत्साहित करने के लिए क्षेत्र के कई परिवार आगे आ रहे हैं।
सोरम की सर्व खाप पंचायत के निर्णय का प्रभाव पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तेजी से फैल रहा है।
समाज के लिए प्रेरणा
बुलंदशहर (Bulandshahr) का यह विवाह न केवल दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज है, बल्कि उन परिवारों के लिए भी प्रेरणा है जो सामाजिक दबाव में दहेज लेने या देने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
दहेज प्रथा हर साल हजारों परिवारों की आर्थिक रीढ़ तोड़ देती है। ऐसे में विवेक-कृष्णा का दहेज-मुक्त विवाह आने वाली पीढ़ियों को एक सकारात्मक संदेश देता है कि—
“शादी में प्यार और सम्मान होना चाहिए, दहेज नहीं।”