Farmers gathered at Wave City Ghaziabad
गाजियाबाद वेव सिटी Farmers धरना: 2014 समझौते की मांग पर महापंचायत में तेज हुआ प्रदर्शन!
सचिन कश्यप (संवाददाता): ढाई महीने से लगातार धरने पर बैठे गाजियाबाद के वेव सिटी के Farmers ने आज एक महापंचायत में जुटे, जिसमें दूर-दराज़ से आए किसान संगठनों ने भाग लेकर बिल्डर और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला। किसानों ने कहा कि यदि 2014 में हुए समझौते को लागू नहीं किया गया, तो आंदोलन और अधिक उग्र होगा।
गाजियाबाद वेव सिटी Farmers का धरना
Farmers ने साफ चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे जल्द ही सेल्स ऑफिस का घेराव करेंगे और गोबर डालकर वहां कब्जा कर लेंगे। धरना स्थल पर किसानों के नारे गूंजे, किसान एकता जिंदाबाद! और जमीं हमारी – हक़ हमारा!
2014 समझौते की मांग पर महापंचायत में प्रदर्शन
Farmers का आरोप है कि 2014 में वेव सिटी बिल्डर और प्रशासन के साथ हुए समझौते को आज तक पूरी तरह लागू नहीं किया गया है। 18 गांवों के किसान पिछले कई वर्षों से संघर्षरत हैं, पर न तो उन्हें मुआवजा मिला और न ही पुनर्वास। आज की महापंचायत में यह फैसला लिया गया कि अब किसान अपनी अगली रणनीति खुद तय करेंगे।
यह संघर्ष और भी तेज़ हो जाएगा
यदि प्रशासन समय रहते चेतावनी नहीं समझता है, तो यह संघर्ष और भी तेज़ हो जाएगा। Farmers ने दृढ़ता से कहा, “हम अपने हक के लिए लड़ रहे हैं और अब पीछे नहीं हटेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। गाजियाबाद वेव सिटी किसान धरना लगातार 2.5 महीने से जारी है और किसानों की मांग 2014 के समझौते को लागू करने की है।

आंदोलन के और अधिक उग्र होने की संभावना
दरअसल यह समझौता Farmers के अधिकारों और मुआवजे से जुड़ा हुआ है, जिसे अब तक लागू नहीं किया जाना प्रशासन और बिल्डरों की अनदेखी को दर्शाता है। किसान संगठनों की महापंचायत ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है। किसानों का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं।
तो वे आंदोलन को और अधिक उग्र करने के लिए तैयार हैं। इसलिए प्रशासन और बिल्डर के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे जल्द से जल्द Farmers की समस्याओं का समाधान करें और 2014 के समझौते को लागू करें। इससे न केवल गाजियाबाद वेव सिटी किसान आंदोलन समाप्त होगा, बल्कि किसानों को न्याय भी मिलेगा।