Kisaano Ka Dharna Samapt (Shamli)
शामली संवाददाता (दीपक राठी) : शामली (Shamli) जिले के भैंसवाल गांव के गन्ना खरीद केंद्र से शामली चीनी मिल तक परिवहन शुल्क में की गई बढ़ोतरी और मनमाने किराए की वसूली के विरोध में किसानों का पांच दिनों से चल रहा बेमियादी धरना शुक्रवार को समाप्त हो गया। जिला गन्ना अधिकारी (डीसीओ) रणजीत सिंह कुशवाहा के हस्तक्षेप और आश्वासन के बाद किसानों ने आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया। हालांकि किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि यदि उनकी मांगों के अनुरूप कार्रवाई नहीं हुई तो धरना दोबारा शुरू किया जाएगा।

गन्ना परिवहन दूरी पर रहे विवाद के कारण भड़का आंदोलन
शामली (Shamli) के किसानों ने आरोप लगाया था कि शामली चीनी मिल प्रबंधन द्वारा गन्ना खरीद केंद्र से मिल तक की वास्तविक दूरी से अधिक दूरी दिखाई जा रही है। इस बढ़ी हुई दूरी के आधार पर मिल प्रबंधन परिवहन शुल्क बढ़ाकर वसूली कर रहा है, जिससे किसानों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा है।
शुक्रवार को शामली गन्ना सहकारी समिति कार्यालय पर किसानों का धरना जारी था, तभी डीसीओ रणजीत सिंह कुशवाहा मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की। सपा के वरिष्ठ नेता प्रो. सुधीर पंवार, हरीश, बाबूराम पंवार, विकास पंवार, मनोज पंवार सहित कई किसान नेता इस वार्ता में मौजूद रहे।
शामली (Shamli) के किसानों ने डीसीओ को बताया कि वास्तविक दूरी कम होने के बावजूद मिल प्रबंधन द्वारा पर्चियों पर बढ़ी हुई दूरी दर्ज कर ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। किसानों ने इसे प्रशासनिक अनदेखी और मिल प्रबंधन की मनमानी बताया।
संयुक्त कमेटी करेगी दूरी का सर्वे, तब तक पर्चियों पर दूरी-शुल्क नहीं लिखा जाएगा
डीसीओ शामली (Shamli) ने किसानों को आश्वासन दिया कि प्रशासनिक अधिकारियों, किसान नेताओं और चीनी मिल के प्रतिनिधियों की संयुक्त टीम सोमवार को गन्ना खरीद केंद्र से शामली चीनी मिल तक की वास्तविक दूरी का सर्वे करेगी।
उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट आने तक किसी भी किसान की पर्ची पर दूरी और किराया दर्ज नहीं किया जाएगा।
डीसीओ शामली (Shamli) ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन दिनों केंद्र बंद रहे, उन दिनों किसानों की पर्चियां आगे समायोजित कर दी जाएंगी ताकि उन्हें किसी प्रकार की हानि न हो। किसानों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन निष्पक्ष दूरी निर्धारित करेगा और उनके हितों की रक्षा होगी।
हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सर्वेक्षण में कोई गड़बड़ी मिली या दूरी जानबूझकर बढ़ाई गई, तो आंदोलन को फिर से शुरू किया जाएगा।
एडीएम को सौंपा ज्ञापन, परिवहन शुल्क को लेकर बढ़ा विवाद
शामली (Shamli) में धरने के समानांतर किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल एडीएम हामिद हुसैन से भी मिला और मिल द्वारा वसूले जा रहे अतिरिक्त परिवहन शुल्क की शिकायत दर्ज कराई।
प्रतिनिधिमंडल में प्रियांशु पंवार, कपिल डेलीगेट, देवराज, दर्शनपाल, सचिन, मोहित, उपेंद्र, सचिन कृष्णपाल सहित कई किसान शामिल रहे। किसानों ने अधिकारियों से मांग की कि मिल की मनमानी पर तत्काल रोक लगाई जाए और वास्तविक दूरी का निर्धारण कर सही किराया तय किया जाए।
धरना स्थगित, लेकिन असंतोष बरकरार—किसान बोले, अभी आंदोलन समाप्त नहीं
डीसीओ शामली (Shamli) के आश्वासन के बाद किसानों ने धरना स्थगित कर दिया, पर किसान नेता इसे अस्थायी मान रहे हैं।
किसानों ने कहा कि यह केवल आश्वासन आधारित स्थगन है, समाप्ति नहीं।
धरना स्थल पर मौजूद अमरपाल, भाकियू नगर अध्यक्ष हरिकिशन पंवार, अजीत, कंवरपाल, मास्टर उदयवीर, रामबाबू, भोपाल सिंह, राजवीर, सावन राणा, सतवीर मूंछ, अमरजीत पंवार, योगराज पंवार, सावन कुमार, संजीव गांधी, सचिन प्रधान, अनिल, रविपाल आदि ने स्पष्ट कहा कि यदि दूरी निर्धारण किसानों के हित में नहीं हुआ, तो आंदोलन का विकल्प हर समय खुला रहेगा।
कुल मिलाकर, किसानों का संघर्ष प्रशासनिक पारदर्शिता और सही दूरी निर्धारण की मांग पर केंद्रित है। अब सभी की निगाहें सोमवार को होने वाले संयुक्त सर्वे पर टिकी हैं, जो इस विवाद के समाधान का आधार बनेगा।