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Gorakhpur-लखनऊ रेलमार्ग पर सरयू नदी पुल, जुलाई तक हो जाएगा तैयार

Saryu River Bridge on Gorakhpur-Lucknow Railway Route

Gorakhpur-लखनऊ रेलमार्ग पर सरयू नदी पुल: जुलाई तक तैयार, ट्रेनों की आवाजाही में होगी क्रांतिकारी बदलाव!

ब्यूरो रिपोर्टः खबर उत्तर प्रदेश के Gorakhpur से है, जहां पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर सरयू नदी पर बन रहा पुल जुलाई तक तैयार हो जाएगा, जिससे तीसरी और चौथी रेल लाइन का रास्ता खुलेगा। इससे ट्रेनों की आवाजाही सुगम होगी, और समय की बचत होगी। बता दे कि दरअसल Gorakhpur-लखनऊ खंड पर गोंडा-बुढ़वल में तीसरी लाइन का काम अंतिम चरण में है।

Gorakhpur में सरयू नदी पर बन रहा पुल

डोमिनगढ़ से खलीलाबाद के बीच चौथी लाइन के लिए सर्वे को मंजूरी मिल गई है। पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर स्थित नवनिर्मित महत्वपूर्ण सरयू नदी पुल जुलाई में तैयार हो जाएगा। वही पुल में गर्डर आदि लगाने के कार्य तेजी के साथ चल रहे हैं। बता दे कि इस पुल के खुल जाने से तीसरी ही नहीं चौथी रेल लाइन का भी रास्ता साफ हो जाएगा। एक किमी से अधिक लंबे पुल पर तीसरी के साथ चौथी लाइन भी बिछाई जा सकेगी।

तीसरी व चौथी लाइन के निर्माण से ट्रैक क्षमता में वृद्धि

तीसरी व चौथी लाइन के निर्माण से ट्रैक क्षमता में वृद्धि होगी एवं मांग के अनुरूप अधिक संख्या में गाड़ियां तीव्र गति से चलाई जा सकेंगी। दरअसल यात्री गाड़ियों का संचलन और अधिक सुचारू रूप से होगा, समय पालन में सुधार होगा। मालगाड़ियों के संचालन समय में भी कमी आएगी, जो व्यापारियों व उद्यमियों के लिये उपयोगी सिद्ध होगा। Gorakhpur-लखनऊ रेलमार्ग पर छोटे-बड़े कई रेल पुल हैं, लेकिन Gorakhpur के सरयू पुल सबसे महत्वपूर्ण है।

साल में ही तीसरा रेल पुल लगभग बनकर तैयार हो गया

दरअसल पहला एल्गिन ब्रिज 1896 में तैयार हुआ था। दूसरा पुल 100 वर्ष बाद वर्ष 2013-14 में खुला था। दोनों पुलों से होकर डबल लाइन पर ट्रेनें चल रही हैं। दस साल में ही तीसरा रेल पुल लगभग बनकर तैयार हो गया है, जिसपर दो रेल लाइनें बिछाई जा सकेंगी। फिलहाल, तीसरी रेल लाइन के लिए पुल का निर्माण अंतिम चरण में है। आने वाले दिनों में बाराबंकी से Gorakhpur होते ही छपरा तक 425 किमी रेलमार्ग पर थर्ड लाइन बिछ जाएगी।

Gorakhpur-Lucknow railway route is expected to be completed by July.
Gorakhpur-Lucknow railway route is expected to be completed by July.

तीसरी और चौथी रेल लाइन का महत्व

तीसरी के साथ चौथी रेल लाइन के लिए भी सर्वे कार्य तेज गति से चल रहा है। Gorakhpur जंक्शन से कैंट और कुसम्ही समेत गोंडा- बुढ़वल-बाराबंकी रेल खंड पर करीब 60 किमी थर्ड लाइन का निर्माण हो चुका है। गोरखपुर जंक्शन-कुसम्ही, छपरा कचहरी-छपरा तथा गोंडा कचहरी-करनैलगंज स्टेशनों के मध्य तीसरी लाइन का कार्य पूर्व में ही पूरा किया जा चुका है।

पुल के खुलने से यात्रीगण को मिलेगा लाभ

दरअसल Gorakhpur-लखनऊ खंड पर स्थित सबसे व्यस्त लाइनों में से एक गोंडा- बुढ़वल में तीसरी लाइन के दूसरे चरण के लिए कार्य समाप्ति पर है, जुलाई के प्रथम सप्ताह में इसका सीआरएस निरीक्षण किया जाएगा। बता दे कि इसके तीसरे और अंतिम चरण के अंतर्गत घाघरा नदी पर स्थित महत्वपूर्ण पुल पर सभी गर्डर की लांचिंग पूरी कर ली गई है। गर्डर लांचिंग का कार्य रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है।

Gorakhpur-लखनऊ रेलमार्ग पर सरयू नदी पर बन रहा नया पुल न सिर्फ एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के यात्रीगण और रेल सेवाओं के लिए एक बड़ा परिवर्तन लेकर आएगा। जुलाई तक इस पुल के तैयार हो जाने से तीसरी और चौथी रेल लाइन का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे ट्रेनों की आवाजाही में सुगमता आएगी और यात्रियों का समय बचेगा।

Gorakhpur-लखनऊ रेलमार्ग पर सरयू नदी पर बन रहा नवनिर्मित पुल पूर्वोत्तर रेलवे की एक अत्यंत महत्वपूर्ण और रणनीतिक परियोजना है, जो न केवल रेलवे नेटवर्क को मजबूती देगा, बल्कि उत्तर प्रदेश के यातायात इंफ्रास्ट्रक्चर को भी एक नया आयाम प्रदान करेगा। जुलाई तक इस पुल के पूरा होने की उम्मीद है, जिससे इस रेलखंड पर तीसरी और चौथी रेल लाइन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।

यह पुल केवल एक संरचना भर नहीं है, बल्कि यह आने वाले समय में रेलवे संचालन, ट्रेनों की गति और सुगमता में बड़ा बदलाव लाने वाला है। गोंडा-बुढ़वल खंड पर तीसरी लाइन का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है, और डोमिनगढ़ से खलीलाबाद तक चौथी लाइन के लिए सर्वे को स्वीकृति मिल चुकी है। पुल का तैयार होना इन दोनों परियोजनाओं के सुचारु क्रियान्वयन के लिए आवश्यक आधार बनेगा।

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