Sarkari Doctors Ko Nahi Mili Salary Lagayi Guhaar (Shamli)
शामली संवाददाता (दीपक राठी) : जनपद शामली (Shamli) में सरकारी चिकित्सक वेतन न मिलने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। हालत यह है कि कई डॉक्टर अपने मकान और गाड़ियों की ईएमआई तक नहीं चुका पा रहे, जबकि महीने का आधा समय बीत चुका है। चिकित्सकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सीएमओ शामली से वेतन जारी करने की अपील की है।
जनपद के अधिकांश चिकित्साधीक्षकों और डॉक्टरों की अक्टूबर माह की सैलरी अभी तक जारी नहीं हुई है। सामान्यतः यह वेतन हर महीने की 5 तारीख तक जारी कर दिया जाता है, लेकिन इस बार 6 नवंबर बीत जाने के बाद भी वेतन नहीं मिलने से डॉक्टरों में गहरी नाराजगी है।

“वेतन नहीं आया, EMI कट नहीं पाई — बैंक वाले परेशान कर रहे हैं”
डॉ. विजेंद्र, जो शामली (Shamli) के सरकारी अस्पताल में तैनात हैं, ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर अपनी पीड़ा जाहिर की। उन्होंने लिखा,
“5 तारीख तक हमारा वेतन आ जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक नहीं आया। हमारे पास EMI भरने तक के पैसे नहीं हैं। बैंक वाले रोज़ फोन कर रहे हैं और अब मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं।”
डॉ. विजेंद्र ने कहा कि देर से वेतन मिलने के कारण कई डॉक्टरों के चेक बाउंस हो रहे हैं, जिससे उनका बैंक रिकॉर्ड खराब हो रहा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि “सरकारी डॉक्टरों का वेतन रोकने का अधिकार आखिर किसे है?”
उनका कहना है कि डॉक्टर दिन-रात जनता की सेवा करते हैं, लेकिन जब उनका हक यानी वेतन समय पर नहीं मिलता, तो यह उनके आत्मसम्मान और जीविका दोनों पर चोट है।
“सैलरी क्यों रोकी गई, कोई कारण नहीं बताया गया” — अधीक्षक
शामली (Shamli) जिले के कैराना के चिकित्साधीक्षक शैलेंद्र कुमार ने बातचीत में बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के अधीक्षकों की अक्टूबर महीने की सैलरी रोक दी गई है, लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया।
उन्होंने कहा कि “हम यह नहीं समझ पा रहे कि आखिर किस कारण से वेतन रोका गया है। सीएमओ कार्यालय की ओर से भी कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गई।”
शैलेंद्र कुमार ने यह भी बताया कि यदि वेतन जल्द जारी नहीं हुआ, तो अस्पतालों में कामकाज प्रभावित हो सकता है, क्योंकि कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है।
सोशल मीडिया पर डॉक्टरों की पीड़ा वायरल, मीडिया से लगाई गुहार
शामली (Shamli) जिले में सरकारी डॉक्टरों को वेतन न मिलने की शिकायत अब व्हाट्सएप ग्रुप और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। डॉक्टरों ने मीडिया से भी अनुरोध किया है कि वह इस मुद्दे को उठाएं ताकि प्रशासन संज्ञान ले सके।
कई चिकित्सकों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “हम दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए 24 घंटे ड्यूटी देते हैं, लेकिन अब खुद के परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए जूझ रहे हैं।”
डॉक्टरों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब वेतन देर से मिला हो, लेकिन इस बार देरी की कोई वजह नहीं बताई गई।
सीएमओ शामली ने कहा — ‘विभागीय मामला’, टिप्पणी से किया इनकार
इस पूरे मामले में जब मीडिया ने सीएमओ शामली (Shamli) डॉ. अनिल कुमार से बात की, तो उन्होंने कहा कि यह “विभागीय मामला” है और इस पर वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
सीएमओ शामली (Shamli) ने केवल इतना कहा कि “हम मामले की जानकारी ले रहे हैं, जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।”
हालांकि, चिकित्सक यह मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि जब तक वेतन जारी नहीं होता, वे आंदोलन के विकल्प पर भी विचार करेंगे।
वेतन संकट से तंत्र पर उठे सवाल
शामली (Shamli) के चिकित्सकों का वेतन रुकना प्रशासनिक उदासीनता का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग में तैनात डॉक्टरों का कहना है कि “जब कोरोना महामारी जैसे मुश्किल समय में हमने ड्यूटी निभाई, तब भी वेतन समय पर मिला। लेकिन अब बिना किसी वजह के भुगतान रोका जाना समझ से परे है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि वेतन रोकने से न केवल चिकित्सकों का मनोबल टूटेगा, बल्कि जनसेवा की भावना पर भी असर पड़ेगा।
फिलहाल जिले के डॉक्टरों ने उम्मीद जताई है कि शासन जल्द संज्ञान लेकर वेतन जारी करेगा।