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GRP-RPF पुलिस की नई पहल: गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर बच्चों के हाथों में कटोरा की जगह होगी कलम ।

GRP-RPF पुलिस की नई पहल

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर अब भीख नहीं, बच्चों को मिलेगी शिक्षा

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर अब बच्चों के हाथों में कटोरे नहीं, कलम और किताबें नजर आएंगी। GRP-RPF की यह नई पहल एक उम्मीद की किरण है, जिसका उद्देश्य रेलवे स्टेशन को न केवल भिखारी-मुक्त बनाना है, बल्कि उन बच्चों को एक बेहतर भविष्य देना भी है जो अभी तक स्टेशन की भीड़ में भीख मांगते दिखाई देते हैं।

GRP-RPF की पहल क्या है?

हर दिन गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से 200 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं और 50 हजार से ज्यादा यात्री यहां आते-जाते हैं। इस भीड़ में न जाने कितने मासूम बच्चे भीख मांगते दिखते हैं—बिना किसी आश्रय, शिक्षा और सुरक्षा के। स्टेशन के प्लेटफॉर्म और फुटओवर ब्रिज (FOB) पर सोते इन बच्चों की जिंदगी अंधकार में डूबी होती है। लेकिन अब यह कहानी बदलेगी।

GRP और RPF ने एनजीओ (गैर-सरकारी संगठनों) के साथ मिलकर एक ऐसा अभियान शुरू किया है जो इन बेसहारा बच्चों की जिंदगी को एक नया मोड़ देगा। इस पहल के अंतर्गत स्टेशन परिसर में भीख मांगते पाए जाने वाले बच्चों को रेस्क्यू कर, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के सहयोग से स्कूलों में दाखिला दिलवाया जाएगा।

GRP-RPF की नई पहल से भीख मांगने वाले बच्चों के हाथों में कटोरे की जगह कलम
बच्चों को शिक्षा देने की GRP RPF की पहल | गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर पॉजिटिव चेंज

कटोरा नहीं, कलम और किताब

इस योजना का सबसे सुंदर पहलू यह है कि अब इन बच्चों के हाथों में कटोरे की जगह कलम और किताबें होंगी। उन्हें स्टेशन पर भीख मांगने की बजाय शिक्षा के अवसर मिलेंगे। स्कूल यूनिफॉर्म, बैग और किताबों के साथ जब ये बच्चे स्कूल जाएंगे तो वह न केवल अपने भविष्य की ओर कदम बढ़ाएंगे बल्कि समाज को भी यह संदेश देंगे कि हर बच्चा पढ़ सकता है—बस उसे एक मौका चाहिए।

एनजीओ इन बच्चों की शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास में भी सहयोग करेंगे। इसके अलावा, GRP और RPF उन लोगों पर भी सख्ती से कार्रवाई करेंगे जो इन बच्चों से जबरन भीख मंगवाते हैं।

सक्षम भिखारियों को मिलेगा रोजगार

स्टेशन परिसर में मौजूद भिखारियों की एक बड़ी संख्या शारीरिक रूप से सक्षम है। वे न तो दिव्यांग हैं और न ही बीमार, लेकिन फिर भी भीख मांगना उनकी आदत बन चुकी है। ऐसे लोगों के लिए इस योजना में काउंसलिंग की व्यवस्था की गई है। उन्हें समझाया जाएगा कि काम करना भीख मांगने से बेहतर है। यदि वे काम करने के इच्छुक हों, तो सेवा योजना विभाग के सहयोग से उन्हें रोजगार दिलाया जाएगा।

सुरक्षा और निगरानी के नए उपाय

स्टेशन पर अब हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर कड़ी नजर रखी जाएगी। RPF और GRP यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी व्यक्ति भीख मांगने के इरादे से स्टेशन में प्रवेश न करे। बिना प्लेटफॉर्म टिकट के प्रवेश को अवैध माना जाएगा, और ऐसे लोगों को तुरंत बाहर कर दिया जाएगा।

समाज को बदलने की दिशा में एक कदम

यह पहल न केवल गाजियाबाद रेलवे स्टेशन को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाएगी, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में बड़ा कदम है। यह संदेश देती है कि भीख मांगने वाले बच्चों को अपराधी नहीं समझा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें एक अवसर दिया जाना चाहिए ताकि वे भी समाज का सम्मानजनक हिस्सा बन सकें।

जनता से अपील

GRP और RPF ने यात्रियों से भी सहयोग की अपील की है। यदि कोई व्यक्ति स्टेशन पर बच्चों से जबरदस्ती भीख मंगवाता दिखे, तो उसकी सूचना तुरंत रेलवे पुलिस को दें। एक छोटी सी जागरूकता किसी बच्चे की जिंदगी को बदल सकती है।

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर शुरू हुई यह पहल पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन सकती है। जब हम बच्चों के हाथ में कटोरे की जगह कलम थमा देंगे, तभी एक सशक्त और शिक्षित भारत का सपना साकार होगा।

अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए। क्योंकि एक बच्चा जब पढ़ता है, तो पूरा समाज आगे बढ़ता है।

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