SP Hatras Chiranjiv Nath Mishra
हाथरस (Hathras) जिले में एचडीएफसी बैंक से जुड़े 5 करोड़ रुपये के ओवरड्राफ्ट घोटाले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में हाथरस (Hathras) एसओजी टीम और थाना कोतवाली नगर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से 5 लाख रुपये नगद बरामद किए गए हैं, जबकि शेष राशि को फ्रीज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हाथरस (Hathras) पुलिस इस पूरे मामले को बेहद गंभीर मान रही है और आरोपी से गहन पूछताछ की जा रही है।

ऐसे खुला मामला
हाथरस (Hathras) घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब 14 सितंबर 2025 को थाना कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि आकाश कुमार पुत्र स्व. ज्वाला प्रसाद माहौर, निवासी विष्णुपुरी, हाथरस (Hathras) ने संदिग्ध परिस्थितियों में एचडीएफसी बैंक से करोड़ों रुपये की हेराफेरी की है। पुलिस ने जांच शुरू की तो सामने आया कि आरोपी ने “चामुंडा देवी स्वीट्स” नाम से संचालित चालू खाते का इस्तेमाल किया था।
इस खाते पर बैंक की ओर से ओवरड्राफ्ट की सुविधा उपलब्ध थी, जिसका आरोपी ने गलत तरीके से फायदा उठाया। आरोपी ने 24 अगस्त को सबसे पहले 50 लाख रुपये का लेन-देन किया और इसके बाद लगातार कई ट्रांजैक्शन करके कुल 5 करोड़ रुपये गबन कर लिए।
बैंक कर्मचारियों पर भी संदेह
हाथरस (Hathras) मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि बैंक का ऑटोमेटेड सिस्टम जब संदिग्ध गतिविधियों को लगातार दिखा रहा था, तो खाते को तुरंत फ्रीज या होल्ड क्यों नहीं किया गया? यह लापरवाही संदेह पैदा करती है। पुलिस को आशंका है कि हाथरस (Hathras) बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता या मिलीभगत के बिना इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं था। इसी वजह से अब बैंक स्टाफ की भूमिका पर भी गहन जांच शुरू की गई है।
आरोपी ने ऐसे उड़ाए करोड़ों रुपये
गिरफ्तार आरोपी आकाश ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने धोखाधड़ी से निकाले गए पैसों को अलग-अलग तरीकों से खर्च और निवेश किया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी ने –
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₹2.75 लाख की यामाहा MT-15 बाइक खरीदी।
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₹1.5 करोड़ म्यूचुअल फंड में लगाए।
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₹1 करोड़ फेडरल बैंक खाते में डाले।
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₹50 लाख वॉलेट में ट्रांसफर किए।
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₹73 लाख मां के खाते में जमा किए।
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₹40 लाख बजाज फिन्सर्व में एफडी कराए।
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₹20 लाख दोस्तों के खातों में ट्रांसफर किए।
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₹9 लाख रुपये नगद निकाले, जिनमें से ₹5 लाख पुलिस ने बरामद कर लिए।
इस तरह आरोपी ने रकम को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर छिपाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की सतर्कता और तफ्तीश ने उसके खेल को उजागर कर दिया।
पुलिस टीम की भूमिका
इस घोटाले का खुलासा करने में एसओजी और कोतवाली नगर पुलिस की टीम ने अहम भूमिका निभाई।
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प्रभारी निरीक्षक गिरीश चंद्र गौतम और उनकी टीम, थाना कोतवाली नगर हाथरस।
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प्रभारी एसओजी धीरज गौतम और एसओजी टीम।
दोनों टीमों की संयुक्त कार्रवाई में आरोपी को गिरफ्तार किया गया और मामले की परतें खुलने लगीं।
एसपी का सख्त रुख
पुलिस अधीक्षकहाथरस (Hathras), चिरंजीव नाथ सिन्हा ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने एएसपी और सीओ सिटी के नेतृत्व में विशेष टीमें गठित कीं। हाथरस (Hathras) पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आरोपी के साथ-साथ बैंक कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। अगर उनकी संलिप्तता साबित हुई तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आगे की जांच
फिलहाल आरोपी हाथरस (Hathras) पुलिस हिरासत में है और उसके खातों से जुड़े सभी वित्तीय लेन-देन की गहन जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी ने कहीं इस रकम का इस्तेमाल अन्य अवैध गतिविधियों में तो नहीं किया। साथ ही बैंक के ऑटोमेटेड सिस्टम और कर्मचारियों की भूमिका पर भी अधिकारियों की पैनी नजर बनी हुई है।
हाथरस (Hathras) पुलिस का कहना है कि पोस्ट-इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट आने के बाद इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।